बीजिंग: चीन ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा सीरिया पर संयुक्त रूप से किए गए हमले की शनिवार को निंदा की है। चीन ने कहा है कि यह हमला संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है और इससे आगे चलकर संघर्ष का समाधान निकालना और मुश्किल हो जाएगा। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को नजरअंदाज कर की गई कोई भी एकतरफा सैन्य कार्रवाई अंतर्राष्ट्रीय कानून के बुनियादी सिद्धांतों और मानदंडों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, ‘इस तरह की कार्रवाई ने सीरिया में हालात का समाधान खोजने में नए और जटिल कारकों को शामिल कर दिया है।’
इससे पहले अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सीरिया के कई अहम सैन्य ठिकानों पर हमले किए। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरियाई सरकार द्वारा डौमा में कथित तौर पर किए गए रासायनिक हमले पर प्रतिक्रियास्वरूप यह कदम उठाया है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस से कहा, ‘मैंने अमेरिकी सशस्त्रबलों को सीरिया के तानाशाह बशर अल असद सरकार के डौमा में रासायनिक हमलों पर प्रतिक्रियास्वरूप उनके चुनिंदा सैन्य ठिकानों पर हमला करने के आदेश दिए हैं। इस संयुक्त सैन्य कार्रवाई में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की सेनाएं शामिल हैं।’
ट्रंप ने अपने संबोधन में डौमा में हुए कथित रासायनिक हमले को मानव कृत्य नहीं बताया। उन्होंने कहा, ‘यह किसी इंसान का काम नहीं है। यह हैवान का काम है।’ ट्रंप ने संकेत दिए कि ये हमले तब तक जारी रहेंगे जब तक सीरिया सरकार रासायनिक हमलों का इस्तेमाल बंद नहीं कर देता। वहीं, रूस और ईरान ने इन हमलों का कड़ा विरोध किया है। जबकि सीरिया ने कहा कि देश की वायुसेना इस अमेरिकी हमले का मुस्तैदी से जवाब दे रही हैं।