बीजिंग: चीन ने गुरुवार को कहा कि उसने उन देशों के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराया है, जिनकी एयरलाइनों ने चीन के शहरों के लिए अपनी उड़ाने रद्द कर दी हैं। चीन का आरोप है कि वे घातक कोरोनावायरस के मद्देनजर दहशत फैला रहे हैं। चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि देश में कोरोनावायरस से 636 लोगों की मौत हो चुकी है। इस वायरस से चीन में अब तक 31,161 लोगों के संक्रमित होने की बात सामने आ चुकी है। चिंता की बात यह है कि वायरस से प्रभावित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
यह घातक वायरस भारत सहित 25 से ज़्यादा देशों में फैल चुका है। दुनिया भर में वायरस के फैलने के डर से एअर इंडिया और इंडिगो समेत कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने उड़ानें रद्द कर दी हैं। इस कदम को चीन ने WHO के दिशा-निर्देशों के खिलाफ बताया है। भारत और अमेरिका समेत कई देशों ने यात्रा प्रतिबंध की भी घोषणा की है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने गुरुवार को ऑनलाइन मीडिया ब्रीॉफिंग में कहा कि चीनी सरकार खुलेपन, पारदर्शिता और वायरस से निपटने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने के लिए जानकारी साझा करने में जिम्मेदारी की उच्च भावना के साथ काम कर रही है।
चीनी प्रवक्ता ने कहा, ‘WHO ने चीन के कड़े उपायों की सराहना की और कई बार जोर देकर कहा है कि वह यात्रा प्रतिबंध की सिफारिश नहीं करता है और कई बार तो यात्रा रोक का विरोध भी किया है। कुछ देशों ने उड़ानों पर रोक लगाने जैसा अतिवादी कदम उठाया। हालांकि ICAO (अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन) ने भी बुलेटिन जारी किए और सभी देशों को O की सिफारिशों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया। हम WHO की पेशेवर सिफारिशों और ICAO के बुलेटिन के खिलाफ जाने वाले देशों की निंदा करते हैं और विरोध करते हैं। लोगों में दहशत फैलाने वाला उनका कदम महामारी को रोकने और नियंत्रित करने में मदद नहीं करेगा।’ उन्होंने देशों से उड़ानों पर रोक नहीं लगाने का आग्रह किया।