बीजिंग: चीन के नोबेल पुरस्कार विजेता लू शियाओबो के कैंसर का इलाज करने वाले अस्पताल ने आज उनके स्वास्थ्य के बारे में दुखद जानकारी दी है वहीं मानवाधिकार समूहों ने आगाह किया है कि हो सकता है कि अधिकारी मेडिकल रिपोर्टों से छेड़छाड़ कर रहे हों। उत्तरपूर्वी शेनयांग शहर में स्थित चाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी के फर्स्ट हॉस्पिटल के अनुसार लोकतंत्र के पैरोकार 61 वर्षीय कार्यकर्ता लू के लीवर की हालत लगातार बिगड़ रही है। इसमें कहा गया कि उन्हें आघात हुआ है तथा उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। (अमेरिका के खिलाफ काम करने के लिए पाक को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए)
लू लीवर कैंसर से जूझा रहे हैं, जो अंतिम चरण में है। इलाज के लिए पिछले माह ही उन्हें जेल से अस्पताल स्थानांतरित किया गया है। इसके बाद से अस्पताल की वेबसाइट पर उनके स्वास्थ के बारे में लगातार जानकारी दी जा रही है। चीन की सरकार ने लू का इलाज विदेश में कराने की अंतरराष्ट्रीय अपीलों को यह कहते हुए ठुकरा दिया था उन्हें घरेलू चिकित्सकों से बेहतरीन उपचार मिल रहा है। अमेरिका ने लू को रिहा करने की अपनी अपील मंगलवार को दोहराई और कहा कि अगर वह इलाज कराने आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।
वहीं एमनेस्टी इंटरनेशनल के चीन स्थित रिसर्चर पैट्रिक पून ने एएफपी से कहा, लू की सेहत से जुड़ी सारी जानकारी प्रशासन के नियंत्रण में हैं, ऐसे में ये जानकारियां सही है अथवा गलत इसकी पुष्टि करना मुश्किल है। यूमन राइट्स वाच के एशिया रिसर्चर माया वांग ने कहा लू की सेहत के बारे में उनके परिवार की तरफ से बहुत कम जानकारी आ रही है जिससे इस बारे में स्वतंत्र जानकारी बेहद सीमित है।