बीजिंग: दलाई लामा की अरूणाचल प्रदेश की यात्रा का विरोध करते हुए चीन ने आज भारत को कहा कि इस तरह के कदम उठाकर भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंध खराब हो सकते हैं। बीते मंगलवार 81 वर्षीय तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा बोमडिला पहुंचे जहां से उनकी 6 अप्रैल को 9 दिवसीय अरूणाचल प्रदेश की यात्रा शुरू होगी। ऐसे में चीन ने भारत पर हमला बोला है कि भारत दलाई लामा का इस्तेमाल कर रहा है, और चीन विरोधी उसकी गतिविधिंया कूटनीतिक पैंतरा है। चीन का यह भी कहना है कि दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश की यात्रा पर भेजकर भारत और चीन के रिश्ते बुरी तरह से प्रभावित हुए है। चीन के बार-बार विरोध करने के कारण दलाई लामा ने कहा कि 'कोई मुझे असुर भी माने तो दिक्कत नहीं है।'
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गौरतलब है कि दलाई लामा की तवांग यात्रा को लेकर चीन की आपत्ति करने पर भारत ने मंगलवार को कड़े तेवर दिखाए। भारत ने चीन से कहा था कि वह हमारे अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे क्योंकि अरूणाचल प्रदेश हमारा अभिन्न हिस्सा है। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने कहा था कि दलाई लामा की अरूणाचल यात्रा पूरी तरह धार्मिक है और इसका कोई राजनीतिक तात्पर्य नहीं निकाला जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत एक चीन नीति का सम्मान करता है, हम चीन से भी इसी तरह की उम्मीद करते हैं।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बुधवार को कहा कि दलाई लामा के दौरे पर भारत को चिंता करने की जरूरत नहीं है। खांडू ने कहा कि भारत को चिंता की आवश्यकता नहीं क्योंकि अरुणाचल की सीमा चीन से नहीं तिब्बत से लगती है।