बीजिंग: चीन की एयर फोर्स ने अपने बेड़े में नवीनतम J-20 लड़ाकू बमवर्षक विमान को शामिल किया है। इस लड़ाकू विमान के चीनी एयरफोर्स में आने के बाद अब जंग लड़ने की देश की क्षमता बढ़ जाएगी और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और जापान के वर्चस्व को तोड़ने में मदद मिलेगी। रडार से बच निकलने में सक्षम इन लड़ाकू विमानों को शामिल करने के बाद, चीन की क्षमता में इजाफा होगा और चीन क्षेत्र में बमवर्षक लड़ाकू विमानों को शामिल करने वाला पहला देश होगा।
सैन्य पर्यवेक्षकों का कहना है कि इसकी शुरुआत भारत के लिए बहुत मायने रखती है क्योंकि भारतीय वायु सेना को अब तक स्टील्थ (रडार से बच निकलने में सक्षम) लड़ाकू विमान नहीं मिला है। इससे सामरिक स्तर पर, खासकर बेहद ऊंचाई वाले तिब्बती क्षेत्र में बड़ा अंतर आएगा। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) वायु सेना के प्रवक्ता शीन जिंके ने पिछले सप्ताह कहा था कि चीनी वायु सेना के लड़ाकू अभियान में नवीनतम J-20 लड़ाकू विमानों को शामिल किया है। जिंके ने कहा कि समग्र लड़ाकू क्षमता हासिल करने की दिशा में J-20 को शामिल किया जाना एक महत्वपूर्ण कदम है।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने जिंके के हवाले से कहा था, ‘J-20 ने वायु सेना रेड स्वार्ड 2017 अभ्यास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उसने नई युद्धक क्षमता को बढ़ाने की बुनियाद रखी थी।’ जिंके ने कहा कि युद्धक इकाइयों में लड़ाकू विमानों के शामिल होने के बाद वायु सेना ने पायलटों के प्रशिक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। केवल अमेरिका की वायु सेना के पास ही लड़ाकू (स्टील्थ) विमानों का बेड़ा है। J-20 चौथी पीढ़ी के मध्यम और लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम लड़ाकू विमान है। वर्ष 2011 में इसने पहली बार उड़ान भरी थी। गुआंगदोंग प्रांत के झूहाई में 11 वें एयर शो चाइना में पहली बार इसे सार्वजनिक किया गया।