बीजिंग: कोरोना विषाणु फैलने की वजह से मुश्किलों का सामना का रहे चीन ने रविवार को देश में वन्य जीवों के कारोबार पर अस्थायी रोक लगा दी क्योंकि माना जा रहा है कि वन्य जीवों के मांस के बाजार से इंसानों में संक्रमण फैला। सरकार की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक, राष्ट्रीय महामारी की स्थिति पर काबू पाए जाने तक वन्य जीवों की सभी प्रजातियों के पालन, परिवहन और बिक्री पर रोक रहेगी। प्रतिबंध का आदेश कृषि मंत्रालय, बाजार नियमन करने वाले राज्य प्रशासन और राष्ट्रीय वन एवं घास मैदान प्रशासन ने दिया है।
उल्लेखनीय है कि घातक विषाणु से अकेले चीन में 56 लोगों की मौत हुई है और करीब 2000 लोग संक्रमित हुए हैं और इसका विस्तार करीब एक दर्जन देशों में हुआ है। यह विषाणु वुहान शहर के बाजार से फैला जहां पर वन्य जीवों की बिक्री खाने के लिए की जाती है। संरक्षणवादी लंबे समय से चीन पर आरोप लगा रहे हैं कि वह खाने और पारंपरिक दवाओं में इस्तेमाल के लिए पैंगोलिन और बाघ जैसी दुलर्भ प्रजातियों सहित वन्य जीवों के कारोबार पर ढुलमुल रवैया अपना रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस कारोबार से लोगों की सेहत को खतरा है क्योंकि जानवरों में पाए जाने वाले रोगाणुओं के इंसानों में फैलने की संभावना है जो सामान्यत: उनके संपर्क में नहीं आते। गौरतलब है कि 2002-2003 में फैले एसएआरएस (सिवीयर एक्यूट रेस्परेटरी सिंड्रोम) विषाणु की वजह से चीन और हांगकांग में सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी। वैज्ञानिकों का मानना है उस समय भी संक्रमण की शुरुआत जंगली जानवरों के खाने से हुई थी।
प्रशासन की ओर से रविवार को की गई घोषणा के मुताबिक सभी कारोबार, बाजार, खाद्य एवं पेय पदार्थ विक्रेताओं और ई-कॉमर्स पर वन्य जीवों के किसी भी कारोबार पर कड़े प्रतिबंध हैं। आदेश में कहा गया कि ग्राहक स्वास्थ्य खतरे को समझें और जंगली जानवरों को खाने के बजाय सेहत के लिए उचित खाना खाए। इस बीच महामारी से बचने के लिए वैश्विक तैयारी की कोशिश के तहत चलाए जाने वाले ग्लोबल वाइरोम परियोजना का अनुमान है कि जीवों में करीब 17 लाख अज्ञात रोगाणु हैं और इनमें से आधे इंसानों के लिए खतरनाक हैं।