बीजिंग: चीन ने दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीपों के समीप नौसैनिक जहाज भेजने पर शुक्रवार को अमेरिका को खरी-खोटी सुनाई। इन द्वीपों पर चीन कई सैन्य प्रतिष्ठान बना चुका है। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने ‘नौवहन की आजादी’ के लिए हाल ही में विमान और जंगी जहाज भेजे हैं जिसकी मंशा चीन को इस बात का संकेत देना है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत उस क्षेत्र से उन्हें गुजरने का अधिकार है जिस पर वो दावा करता है।
‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी सदर्न थियेटर’ के प्रवक्ता ली हुआमिन ने एक बयान में कहा कि ‘यूएसएस चांसलर्सविल्ले’ गाइडेड मिसाइल ध्वसंक सोमवार को पारासेल द्वीप समूह के पास समुद्र में आया था। इस पर चीन ने विमान और जंगी जहाजों को फौरन रवाना किया और अमेरिकी जहाज को उस क्षेत्र से चले जाने की चेतावनी दी।
ली हुआमिन ने कहा, ‘‘हम अमेरिका से कोई भी अप्रत्याशित घटना होने से रोकने के लिए अपने उन जहाजों और विमानों का प्रबंधन मजबूत करने का आग्रह करते हैं जो चीनी क्षेत्र से गुजरते हैं।’’ चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने नियमिति प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि चीन ने अमेरिका से कूटनीतिक शिकायत भी की है।
उन्होंने कहा कि उनका देश अमेरिका से ऐसी उकसावापूर्ण हरकतों से तत्काल बाज आने का आह्वान करता है जो चीन की संप्रभुता का उल्लंघन करती हैं। पारासेल पर चीन के साथ ताईवान और वियतनाम भी अपना दावा करता है।