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चीन ने बनाई अपनी सबसे ताकतवर टीम, जो उसे बनाएंगे सबसे शक्तिशाली देश

शी जिनपिंग दूसरी बार चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख चुने गये हैं। पांच वर्ष के अगले कार्यकाल के लिए चुने जाने के साथ ही शी पिछले कई दशकों में चीन के सबसे मजबूत नेता बन गये हैं।

Edited by: India TV News Desk
Updated : October 26, 2017 16:59 IST
China announces top leaders
China announces top leaders

बीजिंग: चीन में जिस नए दौर का आगाज होने जा रहा है,उसकी बागडोर चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के हाथों में रहेगी। सबसे खास बात कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ऑफ चाइना ने का वह फैसला है जिसके चलते चीन के राष्‍ट्रपति और पार्टी प्रमुख शी जिनपिंग ने परंपरा को तोड़ते हुए देश की सबसे शक्तिशाली 7 सदस्‍यीय स्‍टैंडिग कमेटी की घोषणा की है। इसे चीन की सबसे ताकतवर टीम माना जा रहा और सबसे खास बात इसमें एक भी युवा चेहरा नहीं है। सबसे खास बात चाइना विकास के जिस मॉडल पर शी जिनपिंग और उनकी टीम के साथ आगे बढ़ने जा रहा है उसमें 5 नए चेहरों को जगह दी गई है। शी जिनपिंग दूसरी बार चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख चुने गये हैं। पांच वर्ष के अगले कार्यकाल के लिए चुने जाने के साथ ही शी पिछले कई दशकों में चीन के सबसे मजबूत नेता बन गये हैं। गौरतलब है कि शी जिनपिंग 2012 से चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के चैयरमैन हैं। माओ के बाद वह दूसरे सबसे ताकतवर शख्‍स बन गए है। (इंडोनेशिया में पटाखा कारखाने में लगी आग, 23 की मौत, 43 घायल)

चीन ने बुधवार को पांच नए नेताओं की घोषणा की, जो पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली केकियांग के साथ शामिल होंगे। पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति 1.3 अरब की आबादी वाले देश पर शासन करती है। पांच सदस्यों में ली जानशु, वांग यांग, वांग ह्यूनिंग, जाओ लेजी और हान जेंग सेवानिवृत्ति की 68 वर्ष की अनाधिकारिक उम्र की वजह से बाहर जाने वाले सदस्यों की जगह लेंगे।  

हान जेंग: हान झेंग शंघाई से हैं, और उनकी उम्र 63 वर्ष है। शी की तरह, सांस्कृतिक क्रांति के दौरान उन्हें जबरन एक काउंटी में भेज दिया गया था। उन्होंने अपना पूरा जीवन शंघाई में बिताया है। शी 2007 में शंघाई में हान के प्रमुख थे।

वांग ह्यूनिंग: 62 वर्षीय वांग ह्यूनिंग शी के सलाहकार हैं। उन्होंने हू जिंताओ और जियांग जेमिन के नेतृत्व के दौरान भी यही भूमिका निभाई थी। कहा जाता है कि उन्हें तीनों नेताओं का समर्थन प्राप्त है। 'झोंगाननहाई के मुख्य सलाहकार' (चीन की सत्ता की सीट) और 'चीन का किसिंजर' भी कहते हैं।

ली जानशु: 67 वर्षीय झांशु, शी के चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके हैं और वह देश के अगले वांग किशन भी हो सकते हैं, जोकि भ्रष्टाचार विरोधी होने के लिए जाने जाते हैं। ली को राष्ट्रीय पीपुल्स कांग्रेस की अध्यक्षता भी मिल सकती है। वह अमेरिका सहित सभी महत्वपूर्ण यात्राओं पर शी के साथ रह चुके हैं। शी ने अपनी अमेरिका यात्रा पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से भी मुलाकात की थी। कहा जाता है कि ली ने शी को 'कोर' की उपाधि दिलाने के लिए ली काफी मेहनत की है।

वांग यांग: चीन के चार उपप्रधानमंत्रियों में से एक वांग यांग बड़े शहरों जैसे चोंगकिंग और ग्वांगदोंग में पार्टी प्रमुख के रूप में काम कर चुके हैं। एक समय मजदूर रहे वांग ने चीन के गरीबी विरोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह अभियान शी जिनपिंग के बहुत करीब है। उनके पास व्यापक प्रशासनिक अनुभव है।

जाओ लेजी: जाओ लेजी चीन की कोयला की राजधानी शांक्सी से आते हैं, जहां से शी भी आते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, शी जिनपिंग के पिता शी झोंग्क्सन, झाओ के पिता के दोस्त थे। जाओ पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के नेतृत्व में प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं। उन्होंने केन्द्रीय संगठन विभाग की देखरेख की है, जोकि हर बड़े और छोटे सरकारी संस्थान की नियुक्ति को देखता है।

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