बीजिंग: चीन को भारत के साथ प्रतिस्पर्धा को गंभीरता से लेना चाहिए। चीन के एक शोध संस्थान का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विस्फोटक वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है और भविष्य में इसके चीन 2.0 बनने की संभावना है। (ये ले सकती हैं FBI के निदेशक पद की जिम्मेदारी)
चीन के निजी रणनीतिक शोध संस्थान एनबाउंड के भारतीय अर्थव्यवस्था पर अध्ययन के अनुसार दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को एक प्रभावी जवाबी वृद्धि रणनीति तैयार करनी चाहिए, अन्यथा वहकिनारे पर खड़ा होकर भारत की सफलता को देखता रह जाएगा।
अध्ययन कहता है कि चीन का जनसांख्यिकीय लाभ समाप्त हो रहा है जबकि भारत की आधी आबादी 25 साल से कम की है, जिसका उसे लाभ मिलेगा। इस अध्ययन के अंश सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पिछले साल 6.7 प्रतिशत रही। 2016-17 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसमें कहा गया है कि पूर्व में चीन के साथ जो हुआ, भारत मंे जो बदलाव आ रहे हैं, वे वृद्धि की बेहतर संभावनाओं के बारे में बताते हैं।