बीजिंग: यू यान खुश हैं कि वह दो बेटियों की मां हैं लेकिन वह सोचती हैं कि आखिर चीन में कम महिलाएं ही क्यों बच्चे को जन्म दे पाती हैं जबकि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार महिलाओं से बच्चे पैदा करने की अपील कर रही है। यू (35) की सुबह अपनी 2 साल की बेटी की देखभाल में तो शाम का समय अपनी 10 साल की बेटी का गृहकार्य कराने में गुजरता है। यू ने यह सब करने के लिए रेस्टोरेंट की अपनी नौकरी छोड़ दी, इसलिए परिवार अब उनके पति की कमाई पर ही चलता है। यू ने कहा, ‘अगर कोई युवा जोड़ा काम करने में व्यस्त है और उनके माता-पिता बच्चों की देखभाल नहीं कर सकते हैं तो वे बच्चे पैदा नहीं करना चाहेंगे।’
सत्तारूढ़ पार्टी ने सोमवार को प्रत्येक दंपति के लिए सिर्फ 2 बच्चों की आधिकारिक नीति में बदलाव किया जिससे अब वे 2 के बजाय 3 बच्चे रख सकते हैं। चीन सरकार को इससे उम्मीद है कि वह चीनी समाज में बुजुर्गों की बढ़ती आबादी से निपट पाएगी, लेकिन जन्म दर भी घट रही है। बढ़ती कीमत, रोजगार में बाधा और बुजुर्ग माता-पिता का ध्यान रखने की जिम्मेदारी के कारण युवा दंपति बच्चे पैदा करने से कतरा रहे हैं। वर्ष 1980 से लागू नीति के तहत अधिकतर दंपति एक संतान रख सकते थे लेकिन वर्ष 2015 में इसमें बदलाव कर 2 संतान की इजाजत दी गई। हालांकि इसके बावजूद चीन में बुजुर्गों की आबादी में इजाफा होता रहा।
चीन की आबादी करीब 1.4 अरब है और इसमें इस दशक के आखिर में बढ़ोत्तरी की उम्मीद थी लेकिन अब उसमें गिरावट आनी शुरू हो गई है। 11 मई को जारी जनगणना आंकड़े के अनुसार बुजुर्गों की आबादी में अनुमान से कहीं अधिक वृद्धि हो रही है। इसमें यह भी कहा गया है कि धीमी आर्थिक वृद्धि को लेकर तैयारी और बुजुर्गों की मदद के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है। बुजुर्गों की आबादी बढ़ने से चीन के प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बढ़त बनाने और खुशहाल उपभोक्ता प्रेरित अर्थव्यवस्था के रूप में खुद को स्थापित करने की उसकी मंशा बाधित हो सकती है।
मेडिसन में यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन में वरिष्ठ प्रसूति एवं स्त्री रोग वैज्ञानिक यी फुक्सियान ने कहा, ‘चीनी आबादी हमारी उम्मीद से कहीं अधिक तेजी से बूढ़ी हो रही है। इससे आर्थिक विकास दर में गिरावट आएगी।’ आधिकारिक शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने सोमवार को बैठक में रिटायरमेंट की आयुसीमा बढ़ाने पर जोर दिया।