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चीनी मीडिया की धमकी, 'युद्ध से नहीं डरता चीन, भारत उलझा तो कभी भी कार्रवाई कर सकता है'

चीन के एक दैनिक अखबार ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि चीन युद्ध के लिए तैयार है और वह भारत से युद्ध करने से नहीं डरता है। भारत को विवादित सीमा पर टकराव का सामना करना पड़ेगा।

Reported by: IANS
Updated on: July 18, 2017 20:01 IST
chinese army- India TV Hindi
chinese army

बीजिंग: चीन के एक दैनिक अखबार ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि चीन युद्ध के लिए तैयार है और वह भारत से युद्ध करने से नहीं डरता है। भारत को विवादित सीमा पर टकराव का सामना करना पड़ेगा। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में कहा गया है कि चीन को भारत से लगी सीमा पर ज्यादा सैनिकों की तैनाती करनी चाहिए और डोकलाम में सड़क निर्माण को तेज करना चाहिए, जहां दोनों पक्षों के बीच करीब महीने भर से गतिरोध बना हुआ है।

इसमें यह भी कहा गया है कि भारत ने इस विवाद को बढ़ावा दिया है, क्योंकि वह चीन की तेजी से आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंतित है। यह गतिरोध तब शुरू हुआ, जब भारतीय जवानों ने डोकलाम में चीनी सैनिकों को सड़क निर्माण करने से रोका। डोकलाम क्षेत्र को लेकर चीन व भूटान में विवाद है। डुओ म्यू द्वारा लिखे गए इस लेख में कहा गया है, "चीन अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए युद्ध करने से नहीं डरता और खुद को लंबे समय के टकराव के लिए तैयार करेगा।"

अखबार में कहा गया है कि चीन को युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए और कभी भी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर कार्रवाई कर देनी चाहिए। अगर भारत चीन के साथ उलझता है तो उसे इसके परिणाम के लिए तैयार रहना होगा।

उन्होंने कहा, "चीन के भीतर भारतीय सैनिकों को तत्काल निकालने को लेकर आवाजें उठ रही हैं, जबकि भारतीय जनता में चीन से युद्ध को लेकर अलग-अलग राय है। हालांकि, दोनों पक्षों को संयम रखने की जरूरत है और वर्तमान संघर्ष से बचने की जरूरत है।" लेखक ने कहा है कि भारत के सीमा विवाद को बढ़ावा देने का एक प्रमुख कारण भारत की चीन की आर्थिक विकास को लेकर चिंता है।

उन्होंने कहा, "चीन दुनिया की दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने की तरफ अग्रसर है। यह समय चीन के पक्ष में है। ऐसे में भारत चीन के तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित है। सीमा पर उकसावा भारत की चिंता और चीन को राह से भटकाने की कोशिश है।"

उन्होंने कहा, "चीन को भविष्य के विवाद और टकराव के लिए तैयार होना चाहिए, ताकि चीन आगे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के किसी कदम का मुकाबला कर सके।" उन्होंने कहा, "यदि भारत कई जगहों पर संघर्ष कर रहा है तो इसे पूरे एलएसी पर चीन के साथ लगी सीमा पर टकराव का सामना करना होगा।"

डुओ ने कहा, "3,500 किमी लंबी सीमा कभी भी विवादों से खाली नहीं रही। वर्ष 1962 के युद्ध के बाद से भारतीय पक्ष ने बार-बार उकसावापूर्ण कार्रवाई की है।" चीन और भारत के बीच 3,488 किमी लंबी सीमा है, जिसमें से 220 किमी सिक्किम में पड़ती है, जहां डोकलाम स्थित है।

डोकलाम भारत, चीन व भूटान के बीच तिराहा है। चीन डोकलाम को अपना बताता है, जबकि भारत व भूटान इसे खारिज करते हैं और डोकलाम के स्वामित्व को एक लंबित मुद्दा बताते हैं। यह टिप्पणी तिब्बत में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के युद्धाभ्यास के बाद आई है, जो भारत की सीमा पर है।

लेख में कहा गया है, "भारतीय मीडिया के अनुसार, भारतीय सैनिकों ने सीमांत इलाके में डेरा डाल रखा है। भारतीय सैनिकों का दावा है कि भारत तबतक सिक्किम में चीन-भारत सीमा पर चीन के साथ मुकाबले के लिए मौजूद रहेगा, जबतक चीनी सेना वहां से नहीं हट जाती।" लेख में कहा गया है, "इसके जवाब में चीन को सीमा पर निर्माण को मजबूत करना चाहिए और सैनिकों की तैनाती और डोकलाम में निर्माण को तेज करना चाहिए। यह संप्रभु राष्ट्र की जायज कार्रवाई है।"

लेख में कहा गया है, "यदि भारत सीमावर्ती इलाके में अधिक संसाधन समर्पित करने की योजना बना रहा है तो चीन भी ऐसा ही करेगा। चीन सीमा क्षेत्र में भारत के साथ आर्थिक और सैन्य तैनाती की प्रतियोगिता कर सकता है।"

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