बीजिंग: चीन के अधिकारियों ने दावा किया है कि भारत सहित विभिन्न देशों से इंपोर्ट होकर आए रेफ्रिजरेटेड प्रॉडक्ट्स के पैकेट पर कोरोना वायरस मिले हैं। कई देशों ने चीन के इस दावे की आलोचना करते हुए कहा है कि जांच और पाबंदियां वैज्ञानिक तथ्य पर आधारित नहीं हैं और इससे व्यापार बाधित होगा। बता दें कि पूरी दुनिया आज जिस कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है उसकी शुरुआत चीन के ही वुहान शहर में हुई थी। सिर्फ इतना ही नहीं, चीन पर ये आरोप भी हैं कि उसने मामले की गंभीरता पता चलने के बावजूद लंबे समय तक पूरी दुनिया को अंधेरे में रखा था।
‘20 देशों के पैकेटों में कोरोना वायरस के अंश पाए गए’
चीन के सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ अखबार में बुधवार को कहा गया कि भारत, रूस और अर्जेंटीना से आयातित रेफ्रिजरेटेड उत्पादों के पैकेटों की चीन में की गई जांच में कोरोना वायरस मिले हैं। इसमें कहा गया है कि भारत से आयातित प्रशीतित बटरफिश के पैकेट, रूस के सैल्मन पैकेट और अर्जेंटीना से आए प्रशीतित मांस के पैकेट के नमूनों की जांच में कोरोना वायरस मिला। चीनी अधिकारियों ने कहा कि 20 देशों के पैकेटों में कोरोना वायरस के अंश पाए गए। यह दूसरी बार है जब चीनी अधिकारियों ने भारत से आई मछली के पैकेटों पर कोरोना वायरस होने का दावा किया है।
‘जेसिंडा ने उठाए थे चीनी अधिकारियों के दावे पर सवाल’
बता दें कि इससे पहले 13 नवंबर को चीन के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स ने फ्रोजन कटलफिश की बाहरी पैकेजिंग पर कोरोना वायरस पाए जाने के बाद शुक्रवार से एक सप्ताह के लिए समुद्री खाद्य उत्पादों के आयात को रोक दिया था। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने 16 नवंबर को चीनी अधिकारियों के इस दावे पर सवाल उठाया था कि उनके देश के मांस उत्पादों में कोरोना वायरस पाया गया। चीन ने ऐसे ही आरोप अन्य देशों से आयातित उत्पादों को लेकर भी लगाए थे।