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शिनजियांग में 16 हजार मस्जिदें गिराकर इस्लामिक इतिहास मिटाने की कोशिश में है चीन

पिछले कुछ महीनों में जो सबूत सामने आए हैं उनके आधार पर कहा जा सकता है कि ड्रैगन अपने देश में इन अल्पसंख्यकों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का नामो-निशान मिटा देना चाहता है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 26, 2020 16:58 IST
China Mosque, China Mosque Demolished, China Mosque destroyed, Xinjiang Mosque- India TV Hindi
Image Source : AP REPRESENTATIONAL चीन पर पिछले कई सालों से उइगर मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार के आरोप लगते रहे हैं।

बीजिंग: चीन पर पिछले कई सालों से उइगर मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों में जो सबूत सामने आए हैं उनके आधार पर कहा जा सकता है कि ड्रैगन अपने देश में इन अल्पसंख्यकों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का नामो-निशान मिटा देना चाहता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते कुछ साल में चीन के शिनजियांग प्रांत में लगभग 16 हजार मस्जिदों को या तो पूरी तरह गिरा दिया गया, या उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचाया गया। इसके अलावा चीनी संस्कृति में ढालने के लिए लाखों उइगर मुस्लिमों को कथित वोकेशनल कैंप्स में रखा गया है।

लाखों उइगर मुस्लिम हिरासत में

उइगर मुसलमानों का ब्रेनवॉश करने के लिए उन्हें लाखों की संख्या में हिरासत में लिया गया है। हालांकि चीन इस बात से इनकार कर कहता है कि वह कट्टरता मिटाने के लिए उन्हें वोकेशनल कैंप्स में रखता है। यही नहीं, उइगरों में जन्मदर कम करने के लिए चीन जबरन नसबंदी का सहारा भी ले रहा है। कुल मिलाकर चीन चाहता है कि उइगर अपनी हजारों साल पुरानी संस्कृति को पूरी तरह भूल जाएं और चीनी तौर-तरीके अपना लें। यही वजह है कि उइगरों को इस्लामिक नाम तक रखने की इजाजत नहीं है, और उन्हें अपनी धार्मिक किताबों का अध्ययन करने से भी रोका जाता है।

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Image Source : AP REPRESENTATIONAL
चीनी संस्कृति में ढालने के लिए लाखों उइगर मुस्लिमों को चीन ने कथित वोकेशनल कैंप्स में रखा है।

मस्जिदों और कब्रिस्तानों की संख्या हुई कम
नेथन रूजर, जेम्स लीबोल्ड, केल्सी मुनरो और तीला होजा के शिनजियांग डेटा प्रॉजेक्ट में कहा गया है कि शिनजियांग में न सिर्फ मस्जिदें गिराई गई हैं बल्कि कब्रिस्तानों पर भी चीनी सरकार के बुल्डोजर चले हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8,500 से ज्यादा मस्जिदों और 400 कब्रिस्तानों का तो नामो-निशान ही मिटा दिया गया है। जो मस्जिदें गिराई गई हैं उनमें से कई तो सैकड़ों साल पुरानी थीं और अपने अंदर एक लंबा इतिहास समेटे हुए थीं। आज हालात ऐसे हैं कि चीन के शिनजियांग में नाम मात्र की मस्जिदें बची हैं और वहां भी लोग प्रार्थना करने जाने में हिचकते हैं।

मुस्लिम देश भी इस अत्याचार पर क्यों हैं चुप
यूं तो तुर्की, पाकिस्तान और सऊदी अरब जैसे देश मौका मिलने पर खुद को मुसलमानों का रहनुमा साबित करने की कोशिश में लगे रहते हैं, लेकिन चीन के अत्याचार पर वे बिल्कुल खामोश हैं। हालांकि ऐसा होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि चीन के साथ इन देशों के आर्थिक हित जुड़े हैं। ऐसे में साफ है कि मुसलमानों पर किए जा रहे चीन के अत्याचारों से कहीं बड़ी चीज पैसा है। पाकिस्तान तो वैसे भी चीन के सामने कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं कर सकता है क्योंकि फिलहाल ड्रैगन ही उसकी सबसे ज्यादा मदद कर रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि उइगरों के लिए फिलहाल कोई बड़ा मुस्लिम देश शायद ही खड़ा हो।

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