चीन आए दिन भारत के खिलाफ चाल चल रहा है। सूत्रों की मानें तो अब चीन मालदीव में साझा महासागरी वेधशाला स्टेशन स्थापित करन् की कोशिश कर रहा है। जिसके जरिए वह भारत के समु्द्री मार्ग पर नजर रख सके। चीन के इस कदम से भारत की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। (फ्लोरिडा गोलीबारी के बाद आज पहली बार स्कूल लौटे छात्र और शिक्षक )
मालदीव के विपक्षी नेता ने इस बात का दावा किया है चीन का यह निगरानी केन्द्र सैन्य सुविधाओं से लैस होगा। इसके साथ एक सबमरीन बेस की भी सुविधा होगी। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, इस निगरानी केंद्र को उत्तर में सुदूर पश्चिमी प्रवालद्वीप 'माकुनुधू' में स्थापित किया जाएगा, जो कि भारतीय सीमा से ज्यादा दूर नहीं है। इसके जरिए चीन को हिंद महासागर के महत्वपूर्ण रास्ते पर अड्डा मिल जाएगा। इसकी वजह से भारत और चीन के रिश्तों पर भी खतरा मंडरा सकता है।
चीन और मालदीव दोनों ने ही इस परियोजना के बारे में कुछ जानकारी सांझा की है। मालदीव के विपक्षी पार्टी के नेता ने भारत को चुनौती दी है कि आश्वस्त हो कि 'निगरानी केंद्र' की वजह से दोनों देशों के पुराने रिश्तों, क्षेत्रीय सुरक्षा और समझौतों पर इसका असर न हो।