बीजिंग: बेल्ट एंड रोड को लेकर अपनी पहल पर भारत के रूख की कड़ी आलोचना करते हुए चीन ने आज कहा कि इस विशाल परियोजना में भाग लेने के लिए उसका स्वागत है लेकिन नयी दिल्ली को यह बताना चाहिए कि वह चीन के साथ किस प्रकार की सार्थक वार्ता चाहता है। (अगले महीने अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति)
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनइंग ने भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा, पिछले चार सालों से, जब से यह परियोजना शुरू हुई है हमने गहन विचार विमर्श, संयुक्त भागीदारी और साझा लाभ पर गहन चर्चा की है। बागले ने कहा था कि चीन को वन बेल्ट वन रोड (OBOR) परियोजना पर चिंताओं को लेकर सार्थक वार्ता करनी चाहिए।
हुआ ने कहा, मुझे नहीं पता कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्या कहने का प्रयास कर रहे हैं। किस प्रकार की वार्ता सार्थक वार्ता होती है। किस प्रकार के सकारात्मक रूख की वे बात कर रहे हैं जो वो चीन से चाहते हैं। भारत ने 14 से 15 मई के बीच हुई बीआएफ की बैठक का बहिष्कार किया था जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित 29 विश्व नेताओं ने भागीदारी की थी। भारत 50 अरब डालर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा योजना पर अपनी संप्रभुत्ता की चिंताओं को लेकर बीआरएफ में शामिल नहीं हुआ है। आर्थिक गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है।