बीजिंग: चीन ने बुधवार को कोरोना वायरस प्रकोप को जल्दी से नियंत्रण में लाने के लिए अपनी समाजवादी राजनीतिक व्यवस्था को श्रेय दिया। चीन में गुरुवार से संसद का वार्षिक सत्र शुरू होने जा रहा है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए हाल में संपन्न हुई विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) के सत्र में दबाव में आए चीन ने विश्व निकाय द्वारा पारित सर्वसम्मत प्रस्ताव का स्वागत किया और कोविड-19 महामारी के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया का एक स्वतंत्र ‘‘व्यापक मूल्यांकन’’ का आह्वान किया।
चीन ने दावा किया कि अधिकांश देशों का मानना है कि वायरस की उत्पत्ति की जांच के बजाय महामारी के नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। मीडिया से बातचीत के दौरान, सलाहकार संस्था ‘चाइनीज पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस’ के प्रवक्ता गुओ विमिन ने कहा कि चीन ने कम समय में ही कोविड-19 महामारी को काबू में कर लिया। चीन के वार्षिक संसद सत्र को इस साल मार्च में वायरस के प्रकोप के कारण स्थगित कर दिया गया था। गुरुवार से एक सप्ताह का एक छोटा सत्र आयोजित किया जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सत्र के दौरान 6,000 से अधिक प्रतिनिधि सत्रों में भाग लेंगे। तीन हजार से अधिक सदस्यों वाले नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) में इस दौरान चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग की वार्षिक कार्य रिपोर्ट और वार्षिक रक्षा बजट की स्वीकृति सहित नए कानूनों को पारित किया जाएगा। गुओ ने कहा कि कम समय में ही कोरोना वायरस पर अंकुश लगाने से चीन ने लोगों के जीवन और स्वास्थ्य को प्रभावी ढंग से सुरक्षित किया है, कामकाज और उत्पादन को फिर से शुरू करने में ठोस प्रगति की है और सामान्य सामाजिक जीवन की बहाली को गति दी है।
गुओ ने कहा कि इस तरह की उपलब्धियों ने चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद से देश के संस्थागत लाभ को प्रदर्शित किया है और चीनी राष्ट्र की दृढ़ता और एकजुटता के उत्कृष्ट गुणों का प्रदर्शन किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी नेताओं की आलोचना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका और अन्य देश कोविड-19 महामारी को लेकर चीन को दोष देने और धब्बा लगाने में सफल नहीं होंगे। इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने WHA के कोविड-19 की जांच से संबंधित प्रस्ताव का स्वागत किया, जिसे यूरोपीय संघ, भारत और रूस सहित 130 से अधिक देशों ने समर्थन दिया है।