बीजिंग। चीन में जनवरी में कोविड-19 के 2,000 से अधिक नए मामले सामने आए है। बीते साल मार्च के बाद से चीन में एक महीने में संक्रमण के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को कहा कि 1 से 30 जनवरी के बीच देश में 2,016 लोग कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं। इनमें विदेश से लौटे 435 संक्रमित शामिल नहीं हैं। आयोग ने कहा कि जनवरी में दो लोगों की मौत हुई है। चीन में कई महीनों के बाद कोरोना वायरस से मौत का यह पहला मामला है।
चीन की कार्रवाई के डर से हांगकांग से हजारों लोग ब्रिटेन पहुंचे
चीन द्वारा पिछले साल गर्मियों में सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किए जाने के बाद से हांगकांग से हजारों लोग अपने घर छोड़कर ब्रिटेन पहुंचे हैं। इनमें से कुछ लोगों को इस बात का डर है कि लोकतंत्र की मांग वाले प्रदर्शनों का समर्थन करने के कारण उन्हें दंडित किया जा सकता है और कुछ लोगों का कहना है कि उनके जीवन जीने के तरीके और नागरिकों की स्वतंत्रता पर चीन का अतिक्रमण असहनीय हो गया है, इसलिए वे अपने बच्चों के बेहतर भविष्य की खातिर विदेश जाकर बसने पर मजबूर हैं। इनमें से कई लोग कभी वापस नहीं लौटने का मन बना चुके हैं।
जानिए क्या कह रहे हैं लोग
हांगकांग में व्यावसायी और दो बच्चों की मां सिंडी ने कहा कि वह हांगकांग में आराम से रह रही थीं और वहां उनकी एवं उनके परिवार की कई सम्पत्तियां हैं। उन्होंने कहा कि उनका कारोबार अच्छा चल रहा था, लेकिन उन्होंने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बावजूद सब छोड़कर अपने परिवार के साथ ब्रिटेन आने का फैसला किया। लंदन में पिछले सप्ताह पहुंची सिंडी ने कहा, ‘‘जो चीजें हमारे लिए महत्व रखती हैं-- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, निष्पक्ष चुनाव, आजादी-- सब छीन लिया गया है। यह अब वह हांगकांग नहीं है, जिसे हम जानते थे।’’
ब्रिटेन पहुंची हांगकांग की वांग ने अपना पूरा नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि वह हांगकांग से बाहर जल्द से जल्द निकालना चाहती थीं, क्योंकि उन्हें डर था कि बीजिंग उन्हें बाहर जाने से रोक देगा। वांग की ही तरह लंदन पहुंचे 39 वर्षीय फैन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यदि आपको पता है, कि कब मुंह बंद करना है, तो आपको हांगकांग में दिक्कत नहीं होगी, लेकिन मैं यह नहीं करना चाहता। मैं यहां कुछ भी कह सकता हूं।’’
ब्रिटेन ने जुलाई में की थी घोषणा
ब्रिटेन ने जुलाई में घोषणा की थी कि वह हांगकांग के 50 लाख लोगों के लिए विशेष आव्रजन मार्ग खोलेगा, ताकि वे ब्रिटेन में रह सकें, काम कर सकें और अंतत: यहां बस सकें। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि यह प्रस्ताव दर्शाता है कि ब्रिटेन हांगकांग के साथ अपने ‘‘मजबूत संबंधों के इतिहास’’ का सम्मान कर रहा है। हांगकांग पहले ब्रिटेन का उपनिवेश था, लेकिन बाद में इस समझौते के साथ वह 1997 में चीन के अधीन आया कि उसकी पश्चिमी शैली की आजादी और राजनीतिक स्वायत्ता बरकरार रहेगी।
‘ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज’ वीजा के लिए रविवार से आवेदन आधिकारिक रूप से आमंत्रित किए जाएंगे, लेकिन कई लोग पहले की ब्रिटेन पहुंच चुके हैं। पात्र हांगकांग निवासी अभी छह महीने के लिए ब्रिटेन आ सकते हैं, लेकिन रविवार से वे पांच साल तक देश में रहने एवं यहां काम करने के अधिकार के लिए आवेदन कर सकते है। इसके बाद, वे यहां बसने और अंतत: ब्रितानी नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। ब्रिटेन सरकार ने कहा कि जुलाई से ‘ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज’ (बीएनओ) दर्जे वाले करीब 7,000 लोग ब्रिटेन पहुंचे हैं।
चीन ने कही ये बात
इस बीच, चीन ने कहा है कि वह अब ‘ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज’ पासपोर्ट को वैध यात्रा दस्तावेज अथवा पहचान पत्र के रूप में मान्यता नहीं देगा। चीन का यह बयान हांगकांग के लाखों लोगों को नागरिकता देने की ब्रिटेन की योजना के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ने के बीच आया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने शुक्रवार को इस आशय की घोषणा की थी। उन्होंने यह घोषणा ब्रिटेन की इस घोषणा के कुछ घंटों बाद आई कि हांगकांग के लोग बीएनओ वीजा के लिए रविवार से आवेदन लेना शुरू कर देगा। इस योजना के तहत हांगकांग के 54 लाख लोग ब्रिटेन में अगले पांच वर्षों के लिए रहने और काम करने के पात्र हो जाएंगे और उसके बाद वह नागरिकता के लिए आवेदन दे सकते हैं।
गौरतलब है कि हांगकांग में लोकतंत्र की मांग को लेकर कई महीने तक प्रदर्शन हुए जिसके बाद चीन ने वहां नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया था। इसके बाद ही ब्रिटेन ने हांगकांग के लोगों को नागरिकता देने की योजना पर बात की थी।