बीजिंग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार के लिये "रचनात्मक भूमिका" निभाएगा। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 13 अक्टूबर को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि भारत, पाकिस्तान और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के साथ चीन के "संबंध समानांतर और एक साथ विकसित हो सकते हैं।"
चीनी विदेश मंत्रालय ने इसे और स्पष्ट करते हुए कहा कि चीन को पूरी उम्मीद है कि नयी दिल्ली और इस्लामाबाद आपसी संबंधों में सुधार करेंगे। सरकारी समाचार एजेंसी ने वांग के हवाले से कहा कि "भारत, पाकिस्तान और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के साथ चीन के संबंध किसी तीसरे देश को लक्षित या प्रभावित किये बिना समान रूप से साथ-साथ आगे बढ़ सकते हैं।"
मंत्रालय ने कहा, "एक पड़ोसी होने के नाते और भारत और पाकिस्तान के दोस्त के रूप में, चीन को पूरी उम्मीद है कि चीन-भारत संबंध अच्छे होंगे, चीन-पाकिस्तान और भारत-पाकिस्तान संबंध बेहतर होंगे और सभी लोग मिलकर क्षेत्रीय स्थिरता और विकास को बढ़ावा देंगे।"
बयान के अनुसार, "आशा है कि भारत और पाकिस्तान सामंजस्य बिठाएंगे, दोनों देश विवादों को शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाएंगे, बातचीत के जरिये टकराव को दूर करेंगे, सद्भाव में मतभेदों को सुलझाएंगे और सहयोग के जरिए भविष्य का निर्माण करेंगे। चीन इस संबंध में एक रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है।"
भारत ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस ले लिया था, जिसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है। पाकिस्तान ने नयी दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करते हुए भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था। भारत का मानना है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे देश की भूमिका की गुंजाइश नहीं है।