बीजिंग: चीन ने सोमवार को अपने नागरिकों को राजनीतिक अशांति के कारण मालदीव की यात्रा नहीं करने के लिए कहा है। मालदीव की अर्थव्यवस्था काफी हद तक चीनी पर्यटकों पर निर्भर है। गौरतलब है कि इस द्वीपसमूह मुल्क के सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और बर्खास्त सांसदों को बहाल करने के उसके आदेश का पालन करने को कहा जिसके बाद मालदीव में संकट गहरा गया है। यामीन ने शीर्ष अदालत के फैसले का अब तक पालन नहीं किया है जिसके कारण विपक्षी दलों के प्रदर्शन से वहां तनाव व्याप्त है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा, ‘चीन मालदीव में घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखे हुए है।’ उन्होंने राष्ट्रीय स्थिरता और सामाजिक व्यवस्था बनाए रखते हुए वार्ता के जरिए मालदीव सरकार और राजनीतिक दलों से अपने मतभेद दूर करने को कहा। हालांकि, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और भारत की तरह आह्वान नहीं किया कि यामीन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करें। दरअसल, मालदीव के राष्ट्रपति को चीन का समर्थक माना जाता है और उन्होंने अपने देश में चीनी निवेश को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा, ‘मालदीव में जो हुआ, वह उसका आंतरिक मामला है। चीन मालदीव में राष्ट्रीय स्थिरता और सामाजिक व्यवस्था बनाए रखते हुए संबंधित दलों के बीच वार्ता और विचार विमर्श के जरिए अपने मतभेद दूर करने का समर्थन करता है।’ साथ ही, चीन ने सुरक्षा के प्रति अपने पर्यटकों को आगाह करते हुए उन्हें हालात को देखते हुए मालदीव की यात्रा नहीं करने को कहा है। चीन का यात्रा परामर्श 15 फरवरी से शुरू हो रहे चीनी नव वर्ष की आगामी छुट्टियों से पहले आया है।