बीजिंग: चीन ने बुधवार को कहा कि वह भारत के साथ ब्रह्मपुत्र नदी का डेटा साझा करने के लिए तैयार है। पिछले वर्ष डोकलाम विवाद की वजह से चीन ने भारत के साथ यह डेटा साझा नहीं किया था। चीनी विदेश मंत्रालय ने यह घोषणा, चीन और भारत के बीच चीन के पूर्वी शहर हांगझो में सीमा के आर-पार बहने वाली नदियों पर चर्चा के एक दिन बाद की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, "भारत-चीन के विशेषज्ञों की 11वीं बैठक हांगझो में हुई और दोनों पक्षों ने पिछली बैठक के दौरान उपलब्धियों पर चर्चा की। बैठक में आपात प्रतिक्रिया और जलविज्ञान संबंधी सूचना पर द्विपक्षीय सहयोग पर बातचीत हुई।" लू ने भारतीय मीडिया द्वार पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, "दोनों पक्ष मानवीय मूल्यों और द्विपक्षीय संबंधों के आधार पर सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हुए। चीन जलविज्ञान संबंधी सूचना और आपात प्रतिक्रिया सहयोग पर लगातार अपना सहयोग बनाए रखेगा।"
ब्रह्मपुत्र का उद्गम स्थल चीन के तिब्बत में है और यह भारत के अरुणाचल प्रदेश और असम में बहती है। भारत के लिए चीन द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाला जलविज्ञान का डेटा पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की तैयारियों के लिए काफी मददगार साबित होता है। भारत ने शिकायत की थी कि चीन से उसे पिछले वर्ष यह डेटा नहीं मिला था।
समझौते के अंतर्गत, बीजिंग भारत के साथ नदी का डेटा साझा करता है, लेकिन पिछले वर्ष डोकलाम संकट के बाद चीन ने यह डेटा साझा नहीं किया था। इसबीच, सीमा के आर-पार बहने वाली नदियों पर भारत-चीन विशेषज्ञ स्तर की व्यवस्था(ईएलएम) की 11वीं बैठक मंगलवार को समाप्त हुई। भारत की तरफ से इस बैठक में जल संसाधन मंत्रालय के आयुक्त, तीरथ सिंह मेहरा और चीन की तरफ से जल संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत विज्ञान व प्रौद्योगिकी पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विभाग के कांसुल, यू शिंगजुन ने भाग लिया।