बीजिंग: अमेरिका और चीन के बीच के रिश्तों में बीते कुछ समय से सिर्फ और सिर्फ कड़वाहट ही देखने को मिल रही है। ताजा मामले में चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसने ताइवान जलडमरूमध्य में गुरुवार की सुबह अपने 2 नौसैन्य पोतों के जरिए ‘शक्ति का प्रदर्शन’ किया। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की नौसेना ने कहा है कि विध्वंसक पोत यूएसएस एस मैककेन (USS John S McCain) और यूएसएस कर्टिस विल्बर (USS Curtis Wilbur) ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत ताईवान जलडमरूमध्य मार्ग (Taiwan Strait Transit) का इस्तेमाल किया।
भड़के चीन ने जताया विरोध
अमेरिकी नौसेना ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा है कि पोत की आवाजाही मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को दिखाती है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने घटनाक्रम को ‘शक्ति का प्रदर्शन’ और भड़काऊ कदम बताते हुए कहा कि इससे ताइवान के स्वतंत्र बलों को गलत संकेत गया और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचा है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक माइक्रोब्लॉग पर लिखा, ‘हम पुरजोर तरीके से इसका विरोध करते हैं।’ साथ ही कहा कि उसने समुद्र और हवाई क्षेत्र से जहाजों की गतिविधियों पर नजर रखी।
‘खतरे का जवाब दे सकते हैं’
चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘चीन की सेना हर समय सतर्क रहती है और राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी खतरे या उकसावे का जवाब दे सकती है।’ बता दें कि चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और उसे वापस लेने के लिए तमाम तरह के तिकड़म करता रहता है। ताइवान का जलडमरूमध्य अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग है और इस इलाके से जहाजों की आवाजाही होती रहती है। ताइवान को अमेरिका द्वारा सैन्य मदद पर भी चीन विरोध जता चुका है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने जलमार्ग से जहाजों की आवाजाही पर नजर रखी और ‘स्थिति नियंत्रण में है।’