जकार्ता: इंडोनेशिया में कुछ माह पहले 14 साल की एक लड़की के बलात्कार और फिर हत्या की घटना से देश पूरी तरह हिल गया था। इसी घटना के बाद एक नए कानून को पारित किया गया है जिसके मुताबिक बच्चों का यौन शोषण करने वालों को नपुंसक बनाने से लेकर मौत की सजा तक दी जा सकती है। आपको बता दें कि इंडोनेशिया में 5 महीने पहले इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया गया था।
राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि नई नीति के तहत ऐसा किया जाएगा। इंडोनेशियाई संसद ने इस महीने के शुरू में इस विवादित क़ानून को पारित किया था। इसमें बच्चों के यौन शोषण का दोषी पाए गए लोगों को रसायनिक तरीक़े से ऐसा बना दिया जाएगा कि वो यौन संबंध बनाने के काबिल नहीं रह पाएंगे। इस प्रक्रिया में दोषी के शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन डाले जाते हैं जिससे यौनिक संबंध संभव नहीं हो पाता है। इस क़ानून पर संसद में ज़बरदस्त बहस हुई थी।
गौरतलब है कि इंडोनेशिया में हुए सर्वे के अनुसार, वहां हर दिन दुष्कर्म के लगभग 35 मामले दर्ज किए जाते हैं। 90 फीसद ऐसे मामलों में कभी एफआईआर दर्ज नहीं होती। जिनके साथ दुष्कर्म हुआ, उनमें से 65 फीसद की उम्र 18 साल से कम थी। इंडोनेशिया में इस मुद्दे पर काफी विरोध प्रदर्शन व बहस हुए, बाद में राष्ट्रपति ने ही संसद में कानून का मसौदा पेश किया। जबरदस्त बहस के बाद दो पार्टियों ने सख्त कानून के विरोध में वोट दिया। इंडोनेशिया का महिला आयोग भी इस कानून के खिलाफ है। इसके बावजूद संसद ने नया कानून पास कर दिया।
नए कानून के तहत बच्चों का यौन शोषण करने वालों को नपुंसक बना दिया जाएगा। उनमें महिलाओं वाले हॉर्मोन्स डाले जाएंगे। इसके अलावा उनपर नजर रखने के लिए इलेक्ट्रोनिक चिप भी लगाई जाएगी। ताकि उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके। पुलिस की निगरानी में रहकर ये दोषी अपनी जिंदगी गुजर बसर कर पाएंगे।
पोलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और कुछ अमेरिकी राज्यों में बच्चों के यौन शोषण के दोषियों को इस तरह की सजा दी जाती है। लेकिन इंडोनेशिया में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने यौन हिंसा के लिए सख्त सजाओं का विरोध किया है। उनका कहना है कि हिंसा को हिंसा से खत्म नहीं किया जा सकता।