बीजिंग: डोकलाम गतिरोध के बाद संबंधों को बेहतर बनाने के मकसद से रविवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच हुई निर्णायक वार्ता के बीच भारत ने कहा है कि चीन के साथ द्विपक्षीय रिश्तों के सुगम विकास के लिए सीमाई क्षेत्रों में शांति बनाए रखना ‘अनिवार्य शर्त’ है। सुषमा और वांग ने बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग और आतंकवाद से मुकाबले पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया और जलवायु परिवर्तन एवं सतत विकास जैसी अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलजुलकर प्रयास करने की भी बात कही।
27-28 अप्रैल को मोदी और शी की मुलाकात
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सुषमा शनिवार को 4 दिन के दौरे पर चीन पहुंचीं। द्विपक्षीय मुलाकात से पहले वांग ने बीजिंग स्थित दिआयुतई स्टेट गेस्ट हाउस में सुषमा की अगवानी की। वांग को पिछले माह स्टेट काउंसिलर बनाया गया है जिसके बाद वह चीन के पदक्रम में शीर्षस्थ राजनयिक बन गए हैं। साथ ही वह विदेश मंत्री के पद पर भी बने हुए हैं। स्टेट काउंसिलर बनाए जाने के बाद वांग से सुषमा की यह पहली मुलाकात है। मुलाकात के दौरान वांग ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग चीनी शहर वुहान में 27-28 अप्रैल को अनौपचारिक शिखर वार्ता करेंगे।
सुषमा ने दी वांग को बधाई
मुलाकात के दौरान अपनी शुरुआती टिप्पणियों में सुषमा ने वांग को स्टेट काउंसेलर बनाए जाने तथा भारत-चीन सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा,‘ इससे पता चलता है कि आपके नेतृत्व को आपकी क्षमता पर कितना भरोसा है और मुझे लगता है कि आपकी नई जिम्मेदारियां भारत-चीन संबंधों को निश्चित रूप से सुधारेंगी। हम भारत-चीन सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए चीनी नेतृत्व के साथ मिल कर काम करेंगे।’
‘सीमा पर अमन अनिवार्य शर्त’
मुलाकात के बाद वांग के साथ एक प्रेस बयान में सुषमा ने कहा,‘विभिन्न क्षेत्रों में हमारे संबंधों की प्रगति के प्रयास करते हुए हमने रेखांकित किया कि द्विपक्षीय संबंधों के सुगम विकास के लिए भारत-चीन सीमाई इलाकों में अमन-चैन बनाए रखना एक अनिवार्य शर्त है।’ पिछले साल डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों ने संवाद बढ़ाया है ताकि तनाव कम हो और विभिन्न स्तरों पर बातचीत से संबंधों में सुधार हो। सुषमा ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि दो प्रमुख देशों एवं बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के तौर पर भारत-चीन संबंधों का स्वस्थ विकास एशियाई सदी के उभार के लिए अहम है।
नाथू ला के रास्ते फिर शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा
सुषमा ने कहा कि वांग से मुलाकात के दौरान उन्होंने दोनों देशों को करीब लाने के लिए लोगों से लोगों का संपर्क मजबूत करने पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि नाथू ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल फिर से शुरू हो जाएगी। वहीं, चीनी विदेश मंत्री वांग ने कहा कि चीन एवं भारत सहयोग में स्वाभाविक साझेदार हैं। उन्होंने कहा कि सुषमा के साथ उन्होंने दुनिया और क्षेत्र के मौजूदा हालात पर चर्चा की।