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BLOG: चीन में नए युग की शुरुआत, और भी ताकतवर होंगे शी जिनपिंग

चीन की कम्युनिष्ट पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए 10 साल के कार्यकाल का बंधन हटाने का प्रस्ताव पास किया है...

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 05, 2018 14:08 IST
Akhil Parashar Blog - India TV Hindi
Akhil Parashar Blog

अखिल पराशर

चीन की राजधानी पेइचिंग में आज से NPC (चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा) सालाना सत्र शुरू हो गया है। इस बार इस सत्र पर दुनिया की नज़र है। वो इसलिए क्योंकि इस सत्र से कुछ दिन पहले चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिष्ट पार्टी ने एक अहम फैसला किया है। जिसके जरिये चीन में एक नए युग की शुरुआत माना जा सकता है। चीन की कम्युनिष्ट पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए 10 साल के कार्यकाल का बंधन हटाने का प्रस्ताव पास किया है और इसके लिए संविधान में संशोधन का प्रस्ताव रखा है जिसे NCP यानी चीन की संसद की मंज़ूरी मिलनी है। संसद से मंजूरी मिलने से होगा ये कि मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कार्यकाल 10 साल से आगे भी जारी रह सकेगा। उनका मौजूदा कार्यकाल 2023 में समाप्त हो रहा है। पिछले साल ही पार्टी कांग्रेस ने उन्हें माओ त्सेतुंग के बाद सबसे शक्तिशाली नेता माना था।

चीन की कम्युनिष्ट पार्टी के प्रस्ताव की पृष्ठभूमि में चीन की संसद के दो सत्रों की अहमियत बढ़ गई है। एनपीसी, देश भर में चुने गए लगभग 3,000 प्रतिनिधियों के साथ राज्य शक्ति का सर्वोच्च अंग और शीर्ष विधायिका है। यह सरकार और न्यायिक प्रणाली की निगरानी करती है और राज्य के प्रमुख मुद्दों को निर्धारित करती है। एनपीसी राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश और मुख्य अभियोजक की नियुक्ति और निगरानी भी करती है। जबकि सीपीपीसीसी चीन की शीर्ष राजनीतिक सलाहकार संस्था है। यह चीन के बहुपक्षीय सहयोग और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में राजनीतिक परामर्श तंत्र को सुगम बनाती है। सीपीपीसीसी एनपीसी से पांच साल पहले 1949 में स्थापित हुई थी।

वैसे तो वार्षिक एनपीसी की बैठक के नियमित कार्य में केंद्र सरकार की वार्षिक कार्य रिपोर्ट की समीक्षा शामिल है। इसके अलावा आधिकारिक सकल घरेलू उत्पाद पूर्वानुमान; एनपीसी की स्थायी समिति, सुप्रीम पीपल्स कोर्ट और सुप्रीम पीपल्स प्रोक्रुटेरेट की कार्य रिपोर्टों की सुनवाई होती है; और आर्थिक और सामाजिक विकास और केंद्रीय और स्थानीय बजट के लिए वार्षिक योजना की समीक्षा की जाती है। वहीं, सीपीपीसीसी राष्ट्रीय समिति के सदस्य महत्वपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मामलों पर चर्चा करने और प्रस्ताव बनाने के लिए एकत्र होते हैं।

लगभग 5,000 लोग, जो एनपीसी के प्रतिनिधि और सीपीपीसीसी राष्ट्रीय समिति के सदस्य हैं, सत्रों में भाग लेते हैं। उनमें शीर्ष नेता, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, उद्यमी, कलाकार, खिलाड़ी और समाज के अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। एनपीसी के प्रतिनिधि प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं, जो कानूनी रूप से बाध्यकारी होते हैं जब उन्हें अपना लिया जाता है, जबकि सीपीपीसीसी नेशनल कमेटी के सदस्य गैर-बंधन प्रस्तावों को आगे बढ़ा सकते हैं। कस्बों और काउंटी-स्तरीय एनपीसी प्रतिनिधियों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होता है, जबकि प्रीफेक्चर, प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधियों का चयन निचले-स्तर के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। मतदाता अपने चुनावी जिलों या इकाइयों में प्रतिनिधियों का पर्यवेक्षण करते हैं।

एनपीसी प्रतिनिधियों को संविधान से विशेषाधिकार प्राप्त हैं, ताकि उनके कर्तव्यों में हस्तक्षेप होने से बचाया जा सके। एनपीसी प्रतिनिधि अपने भाषणों या मतदान के लिए कानूनी रूप से उत्तरदायी नहीं हो सकते हैं। एनपीसी के वर्तमान सत्र के सभापतिमंडल की सहमति के बिना एनपीसी के किसी भी प्रतिनिधि को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है या आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। जब एनपीसी का सत्र नहीं चल रहा होता है, तो इसके स्थायी समिति की सहमति के बिना न तो गिरफ्तार किया जा सकता है, और न ही आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है।

(इस ब्लॉग के लेखक अखिल पराशर रेडियो चाइना इंटरनेशनल में विदेश मामलों के संवाददाता हैं)

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