काबुल: अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट सीरियल फिदायीन ब्लास्ट में 60 से ज्यादा अफगान नागरिकों की मौत हुई है। धमाके में 4 अमेरिकी मरीन कमांडो की भी मौत हो गई है। वहीं फॉक्स न्यूज ने दावा किया है कि काबुल एयरपोर्ट बम धमाकों में 10 अमेरिकी मरीन कमांडो की मौत हुई है। वहीं रुसी मीडिया के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट के पास गुरुवार देर रात एक और धमाका हुआ है। रुस की सरकारी मीडिया 'स्पुतनिक' ने काबुल एयरपोर्ट के पास तीसरे धमाके का दावा किया है।
अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन ने पहले ही हमले की आशंका जताई थी। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार काबुल एयरपोर्ट पर दो धमाके हुए हैं। पहला धमाका एयरपोर्ट के Abbey गेट पर हुआ और दूसरा ब्लास्ट बैरोन होटल के पास हुआ। धमाके में 120 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी की तरफ से बताया गया है कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर धमाके हुए हैं। पेंटागन ने बताया है कि इइ धमाकों में अमेरिका और अफगानिस्तान दोनों देशों के नागरिकों की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि कुल दो हमलावर थे। एक ने खुद को बम से उड़ा लिया दूसरे ने फायरिंग की।
इस ब्लास्ट में तीन अमेरिकी सैनिकों के जख्मी होने की खबर है। इस घटना के बारे में राष्ट्रपति जो बाइडन को भी पेंटागन ने ब्रीफिंग दी है। बाइडेन व्हाइट हाउस में सिचुएशन रूम में मीटिंग ले रहे हैं और काबुल के हालात की पल पल का अपडेट ले रहे हैं। ब्रिटिश प्रधानमंत्री भी सिक्योरिटी को लेकर इमरजेंसी मीटिंग कर रहे हैं। इस बीच समाचार एजेंसी एपी ने बताया है कि घटना के वक्त एयरपोर्ट के बाहर हजारों की संख्या में अफगान नागरिक मौजूद थे। ऐसे में हताहतों की संख्या काफी बढ़ सकती है। वहीं, काबुल एयरपोर्ट पर रॉकेट से हमले की आशंका जताई गई है। अमेरिकी सैनिकों ने एयर पोर्ट पर भीड़ से कहा है कि खुद को कवर कीजिए। काबुल एयरपोर्ट के सारे दरवाजे बंद कर दिए गए हैं।
बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी थी कि इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर जमा लोगों को निशाना बनाकर हमला किए जाने की बहुत विश्वसनीय खुफिया रिपोर्ट है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी इस हफ्ते के शुरू में अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो बलों के 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ने की समयसीमा को बढ़ाने से इनकार करने वाले फैसले की जब घोषणा की थी तब उन्होंने भी अफगानिस्तान में आईएसआईएस से संबद्ध आईएसाईएस-के द्वारा हमला किए जाने की आशंका जताई थी।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हजारों लोग मुल्क छोड़ने की कोशिश में हैं और काबुल हवाई अड्डे के जरिए वे देश से निकलना चाह रहे हैं। विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने बुधवार को कहा कि क्षेत्र में हालात विस्फोटक हैं। उसने ब्रिटिश नागरिकों एवं अन्य को सलाह दी कि वे एक सुरक्षित स्थान तलाशें और अगले परामर्श तक इंतजार करें। यह घटनाक्रम आईएसआईएस अफगानिस्तान से जुड़ा है जो आत्मघाती और कार के जरिए हमले करने के लिए जाना जाता है।
एफसीडीओ ने अपने यात्रा परामर्श को अपडेट करते हुए कहा है, “अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति विस्फोटक बनी हुई है। आतंकवादी हमले का खतरा है।” उसमें कहा गया है, “काबुल हामिद करज़ई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की ओर न जाएं। अगर आप हवाई अड्डे के क्षेत्र में हैं तो उसे छोड़ कर सुरक्षित स्थान पर चले जाएं और अगले परामर्श का इंतजार करें।’’ काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा और संचालन फिलहाल अमेरिका के हाथ में है जिसके वहां पर 5800 सैनिक हैं। बहरहाल वे तालिबान की सहायता पर निर्भर हैं जिससे अंतरराष्ट्रीय सैनिकों को खतरा है।
अमेरिका ने भी अफगानिस्तान में नागरिकों से कहा है कि काबुल हवाई अड्डे न जाएं या वहां जमा न हों, क्योंकि हवाई अड्डे के द्वार के बाहर सुरक्षा का खतरा है। ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि ब्रिटेन के नागरिकों और उसके लिए काम करने वाले अफगानिस्तान के बाशिंदों के साथ-साथ संवेदनशील लोगों को निकालने का अभियान पर्याप्त गति से चल रहा है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 13 अगस्त से एक हजार ब्रिटिश सैनिकों की मदद से 11,000 से अधिक लोगों को अफगानिस्तान से निकाला गया है।
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