शियामेन: आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान में सोमवार को भारत को उस समय एक बड़ी कामयाबी मिली जब BRICS देशों ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों के साथ-साथ तालिबान, इस्लामिक स्टेट और अलकायदा के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की मांग की। ब्रिक्स देशों के समूह ने सभी सरकारों से यह मांग की कि वे अपनी धरती पर आतंकी गतिविधियों और आतंकियों के वित्त पोषण को रोकने के लिए कदम उठाएं। ब्रिक्स देशों ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों का नाम अपने घोषणापत्र में शामिल किया। यह भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी है क्योंकि चीन अपने खास दोस्त पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर हमेशा बचाता आया है। BRICS में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं।
गोवा में चीन ने किया था विरोध, शियामेन में माना
ऐसा कहा जाता है कि गोवा में बीते साल हुए आठवें BRICS सम्मेलन में चीन ने घोषणापत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों को शामिल करने का विरोध किया था। शियामेन घोषणापत्र में कहा गया है, ‘हम क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर और तालिबान, इस्लामिक स्टेट (आईएस), अलकायदा और इसके संबद्ध संगठन ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी और हिज्बुल-तहरीर द्वारा की गई हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हैं।’ चीन ने शियामेन में BRICS सम्मेलन शुरू होने से पहले भी आतंकवाद को इस सम्मेलन में एक मुद्दा मानने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। इस घोषणापत्र को रजामंदी के साथ सभी देशों ने स्वीकार किया है और इस पर सभी 5 राष्ट्र प्रमुखों की रजामंदी भी है, जिनमें चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी शामिल हैं।इसलिए यह है भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत
जैश प्रमुख मसूद अजहर को भारतीय सेना के प्रतिष्ठानों पर घातक सीमापार हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। भारत ने अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का रुख किया था लेकिन चीन ने बार-बार इस प्रस्ताव की राह में रोड़ा अटकाया है। 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के लिए लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार है। इसमें 166 भारतीयों और विदेशी नागरिकों की मौत हो गई थी। शियामेन घोषणापत्र में ब्रिक्स देशों सहित दुनियाभर में हुए सभी आतंकवादी हमलों की निंदा की गई है।
आतंकवाद पर मोदी के साथ आए BRICS नेता
ब्रिक्स नेताओं के इस सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर भारत की स्थिति को भी बयां किया और चरमपंथ से मुक्त करने के मुद्दे पर एक सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव दिया। आतंकवाद पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करते हुए प्रीती सरन ने कहा कि आतंकवाद एक ऐसी आपदा है, जिससे संपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मिलकर निपटा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘आप आतंकियों को अच्छे आतंकी और बुरे आतंकी के रूप में नहीं देख सकते। आतंकवाद के खिलाफ कार्वाई एक सामूहिक कार्रवाई है।’