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भूटान ने डोकलाम को माना चीन का हिस्सा, चीनी अधिकारी का दावा

चीन की एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज एक हैरतअंगेज लेकिन बेबुनियाद दावा किया कि भूटान ने इस बात को स्वीकार किया है कि डोकलाम का क्षेत्र उसका अपना इलाका नहीं है।

Edited by: India TV News Desk
Updated : August 09, 2017 13:32 IST
Bhutan considers China to be part of Dokalm, Chinese...
Bhutan considers China to be part of Dokalm, Chinese officials claim

बीजिंग: चीन की एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज एक हैरतअंगेज लेकिन बेबुनियाद दावा किया कि भूटान ने इस बात को स्वीकार किया है कि डोकलाम का क्षेत्र उसका अपना इलाका नहीं है। इस इलाके में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध चल रहा है। सीमा मुद्दे पर चीन की शीर्ष राजनयिक वांग वेनली ने यहां आए एक भारतीय मीडिया प्रतिनिधिमंडल से कहा कि भूटान ने बीजिंग को राजनयिक माध्यमों से इस बात से अवगत कराया है कि जिस इलाके को लेकर गतिरोध जारी है वह उसका इलाका नहीं है। हालांकि, उन्होंने इस दावे के लिए कोई साक्ष्य नहीं मुहैया किया। उनका दावा भूटान के घोषित रूख और कार्वाइयों से पूरी तरह से अलग है। भूटान ने चीन सरकार के समक्ष प्रदर्शन कर उस पर एक द्विपक्षीय संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। दरअसल, इससे पहले चीन ने 16 जून को डोकलाम इलाके में एक सड़क बनाने की कोशिश की थी। (अफगान तालिबान को समर्थन का आरोप बेबुनियाद: ईरान)

वांग ने कहा, घटना के बाद भूटान ने हमसे स्पष्ट कर दिया कि जहां घुसपैठ हुई, वह स्थान भूटान का क्षेत्र नहीं है। वांग चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा एवं सागर विभाग की उप महानिदेशक हैं। उन्होंने कहा कि भूटान को यह बहुत अजीब लगा कि भारतीय सैनिक चीनी सरजमीं पर हैं। उन्होंने बताया कि उनका यह विचार भूटान की सरकारी मीडिया और कानूनी ब्लॉगों से मिली सूचना से आया है जो कहीं अधिक विसनीय सूचना है। गौरतलब है कि 30 जून को भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था, 16 जून को चीनी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के एक कंस्ट्रक्शन दल ने डोकलाम इलाके में प्रवेश किया और एक सड़क बनाने की कोशिश की। हमें यह समझा में आया है कि रॉयल भूटान आर्मी की एक गश्ती टीम ने इस एकपक्षीय हरकत से उन्हें रोकने की कोशिश की।

भारत ने इस बात का भी जिक्र किया था कि भूटानी विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया है कि भूटान की सरजमीं के अंदर एक सड़क का निर्माण भूटान और चीन के बीच हुए 1988 और 1998 के करार का सीधे तौर पर उल्लंघन है। यह इन देशों के बीच सीमा निर्धारण की प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है। उन्होंने 16 जून 2017 से पहले की यथास्थिति पर लौटने का उनसे अनुरोध किया। वांग ने कहा कि भूटान भारत और चीन के सैनिकों द्वारा इसकी सरजमीं से की गई कार्वाइयों पर गौर कर रहा है।

भूटान का चीन से कोई सीधा राजनयिक संबंध नहीं है और वह नयी दिल्ली स्थित अपने दूतावास के जरिए बीजिंग से संपर्क रखता है। भूटान और चीन अपने सीमा विवादों को सुलझाने के लिए 24 दौर की वार्ताएं कर चुके हैं जबकि भारत और चीन के बीच इस आशय की 19 दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं। वांग ने कहा कि 14 देशों में भारत और भूटान ऐसे दो देश हैं जिनसे चीन अपना सीमा विवाद हल करना चाहता है। चीन ने 12 देशों के साथ करीब 22,000 किमी का सीमा विवाद सुलझाया है।

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