संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सेना की त्वरित तैनाती का संकल्प लेने वाला भूटान पहला देश बन गया है। भूटान ने 60 दिनों के भीतर संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सेना की भागीदारी की प्रतिबद्धता जताई है। फील्ड सपोर्ट से संबंधित उपमहासचिव अतुल खरे और संयुक्त राष्ट्र में भूटान के स्थाई प्रतिनिधि डोमा शेरिंग ने शुक्रवार को रैपिड डिप्लॉयमेंट लेवल (RDL) समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने अपनी तरह का पहला संयुक्त राष्ट्र शांति समझौता बताया है।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, भूटान की फोर्स प्रोटेक्शन कंपनी संयुक्त राष्ट्र महासचिव के आग्रह पर 60 दिनों के भीतर सेना की तैनाती करने में सक्षम होगी। यह टीम वानगार्ड ब्रिगेड ऑफ द पीसकीपिंग कैपिबिलिटी रेडीनेस सिस्टम (UNPCRS) का हिस्सा है। संयुक्त राष्ट्र नए शांति अभियान के लिए त्वरित सैन्य मदद उपलब्ध करा सकता है, या वानगार्ड ब्रिगेड का इस्तेमाल कर मौजूदा मिशन को सुदृढ़ कर सकता है। UNPCRS का निर्माण संघर्षो या खतरनाक स्थितियों के बढ़ने से पहले उससे तुरंत निपटने के लिए किया गया है, क्योंकि नियमित तैनाती प्रक्रिया में कई महीनों का समय लगता है।
बयान के मुताबिक, ‘इस समझौते पर भूटान सरकार ने हस्ताक्षर किए, जो 2015 में गठित यूएनपीसीआरएस के तहत किसी सेना की तैयारी को दर्शाता है।’ खरे ने कहा कि भूटान की प्रतिबद्धता संयुक्त राष्ट्र के प्रभावी शांति अभियानों का श्रेष्ठ उदाहरण है। शेरिंग के मुताबिक, ‘एक छोटे और विकासशील देश के रूप में हम संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के क्रियान्वयन में योगदान की हमारी बढ़ रही क्षमता की सराहना करते हैं।’ भूटान में मौजूदा समय में सेना और पुलिस के 45 जवान संयुक्त राष्ट्र के 10 नियमित शांति अभियानों में सेवारत हैं, जिनमें 2 महिलाएं शामिल हैं। ये सूडान के दारफुर मिशन में तैनात हैं, जहां भूटान के 22 शांतिदूत हैं।