पेइचिंग: सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए चीन की इच्छा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को स्पष्ट करने के बजाय आचार संहिता के मुद्दे पर भारत के साथ एक करार करने की है। पिछले माह अपनी चीन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा को स्पष्ट करने का प्रस्ताव दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव पर चीन की पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया के बारे में बताते हुए विदेश मंत्रालय में एशियाई मामलों के महानिदेशक हुआंग जिलियान ने कहा कि दोनों पक्षों को आचार संहिता (कोड ऑफ कंडक्ट) पर करार करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि एलएसी पर आपसी स्थितियों को स्पष्ट करने के प्रयासों के दौरान पहले दिक्कतें आ चुकी हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'सीमा क्षेत्र में हम जो कुछ भी करें, वह रचनात्मक होना चाहिए। इसका अर्थ यह है कि यह वार्ताओं की प्रक्रिया में एक मूलभूत अंग होना चाहिए न कि अवरोधक।'
हुआंग ने पिछले महीने हुई मोदी के तीन दिनों की यात्रा के परिणाम के बारे में भारतीय मीडिया प्रतिनिधिमंडल को बताया, 'यदि हमें लगता है कि एलएसी को स्पष्ट करना मूलभूत अंग है, तो हमें इसपर काम करना चाहिए लेकिन यदि हमें लगता है कि यह अवरोधक होगा और स्थिति को आगे जटिल कर सकता है तो हमें सावधान रहना होगा।'