ढाका। बांग्लादेश ने अमेरिका के उस आग्रह को ठुकरा दिया है जिसमें अमेरिका ने बांग्लादेश से कहा था कि वह अपने यहां अफगान नागरिकों को शरण दे। बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन ने कहा है कि बांग्लादेश पहले ही म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या झेल रहा है और ऐसे में वह अफगान नागरिकों को अपने यहां शरणार्थी नहीं बना सकता। अमेरिका ने राजनयिक संपर्क सूत्रों के जरिए बांग्लादेश को अफगान नागरिकों को अपने यहां शरण देने का आग्रह किया था। बांग्लादेश पहले ही साफ कर चुका है कि वह अफगानिस्तान में हर उस सरकार का समर्थन करेगा जो अफगान की जनता के द्वारा चुनी जाएगी।
उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने समावेशी विचार-विमर्श के जरिए अफगानिस्तान में नयी, एकीकृत, और प्रतिनिधित्व वाली ऐसी सरकार के गठन की अपील की है, जिसमें महिलाओं की पूर्ण भारीदारी हो। यूएनएससी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि तालिबान या कोई अन्य अफगान समूह किसी अन्य देश से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादियों का भी साथ नहीं दें। अफगानिस्तान पर रविवार को तालिबान का पूरा कब्जा होने के बाद 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की सोमवार को आपात बैठक हुई थी।
युद्ध से जर्जर देश में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए हैं, वहीं तालिबान के शासन के डर से देश से निकलने के लिए हवाईअड्डे तक पहुंचने की कोशिश कर रहे लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर मौजूद हैं। अफगानिस्तान पर यूएनएससी की यह पिछले 10 दिनों में दूसरी बैठक है। यह बैठक फिलहाल परिषद के अध्यक्ष राष्ट्र भारत की अध्यक्षता में हुई। बैठक के बाद परिषद के सदस्यों ने एक बयान में सभी प्रकार का संघर्ष/हिंसा तत्काल बंद करने की अपील की है। साथ ही, उन्होंने ‘‘समावेशी विचार-विमर्श के माध्यम से अफगानिस्तान में नयी, एकीकृत, समेकित और प्रतिनिधित्व वाली ऐसी सरकार के गठन की अपील की है, जिसमें महिलाओं की पूर्ण भारीदारी हो।’’
इनपुट-भाषा