ढाका: संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद के एक बड़े अधिकारी ने सोमवार को समुद्र में ही फंसी रोहिंग्या मुसलमनों वाली 2 नावों को अपने यहां आने देने की बांग्लादेश से अपील की है। कुछ दिन पहले ही बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमीन ने नौकाओं को अनुमति देने से इंकार कर दिया था। परिषद की उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेत की अपील इसके बाद आयी है। समु्द्र में करीब 2 महीने से फंसी इन नौकाओं पर दर्जनों रोहिंग्याओं की मौत के बाद अब्दुल के इस फैसले ने चिंता बढ़ा दी थी।
‘अब किसी भी रोहिंग्या को शरण नहीं दी जाएगी’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन नौकाओं को मलेशिया पहुंचना था लेकिन वहां की नेवी ने अवैध रूप से लोगों के प्रवेश के भय के कारण अनुमति नहीं दी। मिशेल ने एक पत्र में कहा, 'एकजुटता की भावना और रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत के बीच मैं आपसे अपील करती हूं कि इन नौकाओं को अपने बंदरगाह पर आने की अनुमति दें।' बता दें कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने कहा था कि अब किसी भी रोहिंग्या को देश में शरण नहीं दी जाएगी।
बीच समुद्र में फंसी हैं रोहिंग्याओं की नावें
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समय सैकड़ों रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश में प्रवेश करने की कोशिश में समुद्र में फंसे हुए हैं। वहीं, बांग्लादेश कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए रोहिंग्याओं को लेने से इनकार कर रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि यदि एक भी संक्रमित व्यक्ति आया तो बड़ी मुसीबत हो सकती है। खबरों के अनुसार, मलेशियाई अधिकारियों द्वारा खदेड़े जाने के बाद बीते बुधवार को मछली पकड़ने वाली 2 नावों में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों सहित लगभग 500 रोहिंग्या बंगाल की खाड़ी में दिखे हैं।