बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए एक पत्र में शेख हसीना ने कांग्रेस के दिग्गज को "दक्षिण एशिया का एक उच्च सम्मानित नेता" कहा। बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पत्र में लिखा, “एक प्रसिद्ध विद्वान और भारत के राजनेता और दक्षिण एशिया के एक उच्च सम्मानित नेता के रूप में प्रणब मुखर्जी सभी के लिए सम्मानित थे। भारत के लोगों के कल्याण के लिए भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के किए गए कार्यों से न केवल भारत में बल्कि क्षेत्र के देशों में नेताओं की भावी पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।”
अपने पत्र में उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में मुखर्जी के समर्थन और योगदान के बारे में भी लिखा और कहा कि उन्हें बांग्लादेश में हमेशा "सम्मान के साथ याद किया जाएगा"। उन्होनें लिखा, "2013 में बांग्लादेश सरकार ने उन्हें बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के लिए 'बहुमूल्य मुक्तिधाम सोममोना' (मुक्ति युद्ध सम्मान) प्रदान किया।" उन्होंने कहा, "अपनी सरकार और बांग्लादेश के लोगों की ओर से इस अनुभवी नेता की अपूरणीय क्षति पर सरकार और भारत के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं।"
प्रणब मुखर्जी 21 दिन तक कई बीमारियों से संघर्ष करते रहे। वह 84 वर्ष के थे। मुखर्जी देश के बहुत ही दूरदर्शी और सम्मानित नेताओं में से एक थे। मुखर्जी को गत 10 अगस्त को सेना के ‘रिसर्च एंड रेफ्रल हास्पिटल’ में भर्ती कराया गया था। उसी दिन उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई। उनके परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री हैं। लंबे समय तक कांग्रेस के नेता रहे मुखर्जी सात बार सांसद रहे। अस्पताल में भर्ती कराये जाने के समय वह कोविड-19 से संक्रमित पाये गए थे। साथ ही उनका फेफड़ों में संक्रमण के लिए भी इलाज किया जा रहा था। उन्हें इसके चलते रविवार को ‘सेप्टिक शॉक’ आया था।
चिकित्सकों ने कहा कि शाम साढ़े चार बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने उनके निधन की सबसे पहले जानकारी दी। अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘भारी मन से आपको सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी का अभी कुछ समय पहले निधन हो गया। आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत के लोगों की प्रार्थनाओं और दुआओं के लिए मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं।’’