ढाका: बांग्लादेश इस समय रोहिंग्या शरणार्थी समस्या से जूझ रहा है और उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती इन शरणार्थियों को मूलभूत सुविधाएं हासिल कराने की है। शरणार्थियों की बढ़ती हुई जनसंख्या को रोकना भी उसके लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। इसके अलावा इन शरणार्थियों को आपराधिक कृत्यों में लिप्त होने से बचाने के लिए भी तमाम उपाय किए जा रहे हैं। इस बीच एक ऐसी खबर आई है, जो पहले से ही शरणार्थी शिविरों में जूझ रहे रोहिंग्याओं के लिए मुसीबत पैदा कर सकती है। बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जिले के एक शरणार्थी शिविर में शनिवार को कथित तौर पर रोहिंग्या शरणार्थियों द्वारा किए गए एक हमले में 4 बांग्लादेशी नागरिक घायल हो गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह हमला बालूखली शिविर में देर रात 1 बजे के आसपास हुआ। पीड़ितों को तेजधार हथियार से हमला कर घायल किया गया है। अधिकारी ने कहा कि पुलिस हमलावरों को गिरफ्तार करने के लिए एक अभियान चला रही है। इससे पहले बांग्लादेश की सरकार ने सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए तमाम कदम उठाए थे। इन कदमों में रोहिंग्या मुसलमानों को एक खास इलाके तक सीमित रखना और मोबाइल फोन पर बैन लगाना जैसे फैसले शामिल थे।
आपको बता दें कि म्यांमार के रखाइन राज्य में अगस्त में भड़की हिंसा के बाद से 6 लाख से भी अधिक रोहिंग्या मुस्लिम शरण के लिए बांग्लादेश भाग आए हैं। म्यांमार में हिंसा का हालिया दौर तब शुरू हुआ जब 25 अगस्त को रोहिंग्या उग्रवादियों ने राखिन में स्थित पुलिस चौकियों पर हमला कर दिया और 12 सुरक्षाकर्मियों को मार दिया। उसके बाद म्यांमार से लाखों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमानों ने भागकर बांग्लादेश में शरण ली। बौद्ध बहुल देश म्यांमार रोहिंग्या मुसलमानों को अपना नागरिक नहीं मानता है, और उन्हें अवैध प्रवासी कहकर संबोधित करता है।