ढाका: बांग्लादेश में दुर्गा पूजा समारोहों के दौरान पंडालों और मंदिरों पर हुए हमलों के बाद वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि घटना के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने हिंसा के दोषियों को सजा दिलाने का वादा करते हुए कहा कि कमीला में मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों पर हमला करने में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। इन हमलों के चलते सरकार को 22 जिलों में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती करनी पड़ी है। इन हमलों में कुल चार लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने की खबर है। दुर्गा पूजा उत्सव के मौके पर ढाका स्थित ढाकेश्वरी राष्ट्रीय मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शेख हसीना ने कहा, '' कमीला में हुई घटनाओं की जांच की जा रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की हमलावर किस धर्म से ताल्लुक रखते हैं।'' प्रधानमंत्री अपने आधिकारिक आवास से ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुईं।
22 जिलों में फोर्स तैनात
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के सैनिकों को देशभर के 22 जिलों में हिंसा को रोकने के लिए तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि देश के 64 प्रशासनिक जिलों में से 22 में तथा अन्य कहीं भी हिंसा की रोकथाम के लिए बीजीबी के साथ अपराध रोधी रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) और सशस्त्र पुलिस को भी तैनात रहने का आदेश दिया गया है।
हमले में चार लोगों की मौत
खबरों के अनुसार, बुधवार को कमीला की सीमा से लगे चांदपुर के हाजीगंज उपजिले में पुलिस और मुस्लिम उपद्रवियों के बीच संघर्ष के दौरान तीन लोग मारे गये, वहीं एक अन्य शख्स की बाद में मृत्यु हो गयी। अधिकारियों ने हाजीगंज में रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है जहां अधिकारियों ने गोली लगने से चार लोगों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि संघर्ष में दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। पुलिस ने कहा कि उनके कुछ अधिकारी भी जख्मी हुए हैं, क्योंकि भीड़ ने पुलिस और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों पर हमला कर दिया था और उनके वाहनों में तोड़फोड़ की थी। हालांकि उन्होंने यह नहीं स्पष्ट किया कि लोग पुलिस कार्रवाई में मारे गये हैं या नहीं, लेकिन खबरों में बताया जा रहा है कि पुलिस ने 500 से अधिक लोगों की भीड़ पर गोलीबारी शुरू कर दी थी।
सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाई गई
अधिकारियों के अनुसार यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर कमीला में दुर्गा पूजा पंडाल में कथित ईशनिंदा की घटना के बाद पुलिस को सूचित किया गया, जिसके बाद जांच शुरू की गयी। कमीला, पड़ोस के हाजीगंज, हतिया और बांसखाली तटीय उप जिलों के कुछ हिस्सों में भी उपद्रवियों के मंदिरों पर हमले के बाद हिंसा भड़क गयी। सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए बड़े स्तर पर किया गया।
पूजा समारोहों को बाधित करने की साजिश
हिंदू धार्मिक नेताओं ने हिंसा को दुर्गा पूजा समारोहों को बाधित करने की साजिश का हिस्सा बताया और उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ हिंदू मंदिरों की सुरक्षा की मांग की है। कमीला जिला पूजा समारोह समिति के सचिव निर्मल पाल ने कहा कि एक समूह विशेष ने दुर्गा पूजा रोकने के लिए पंडाल में ईशनिंदा की गतिविधियां कीं। पुलिस ने बताया कि उन्होंने अब तक हिंसा के सिलसिले में 43 लोगों को हिरासत में ले लिया है। कमीला पूजा स्थल का पहला वीडियो सोशल मीडिया पर डालने वाले लोगों को भी हिरासत में रखा गया है।
सीसीटीवी फुटेज से उपद्रवियों की पहचान
पुलिस उप महानिरीक्षक अनवर हुसैन ने कमीला में मीडिया से कहा, ‘‘जांच चल रही है और हम सुरक्षा कैमरों के फुटेज को देखकर भी उपद्रवियों की पहचान कर रहे हैं।’’ सत्तारूढ़ अवामी लीग के महासचिव और देश के सड़क परिवहन मंत्री ओबैदुल कादिर ने कहा कि कट्टरपंथी तत्वों ने राजनीतिक मकसद से 10-12 जगहों पर हिंदू मंदिरों पर हमले किये। उन्होंने यहां रामकृष्ण मिशन में एक पूजा पंडाल में संवाददाताओं से कहा, ‘‘लेकिन प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में हमारी सरकार उनकी कुत्सित सोच को साकार नहीं होने देगी।’’ उन्होंने अफवाह फैलाने वाले लोगों को देश में धार्मिक सौहार्द नहीं बिगाड़ने की चेतावनी दी और बताया कि प्रधानमंत्री हसीना ने सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के आदेश दिये हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘हम चौकस रहेंगे।’’ धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने आपात नोटिस जारी कर जनता से कानून अपने हाथ में न लेने का अनुरोध किया। मुस्लिम बहुल बांग्लादेश की 16.9 करोड़ की आबादी में करीब 10 प्रतिशत लोग हिंदू हैं। पिछले कुछ वर्षों में छिटपुट हिंसा की घटनाएं होती रही हैं, जिनमें से ज्यादातर सोशल मीडिया के जरिये अफवाह फैलाने से हुईं। (भाषा)