ढाका: बांग्लादेश की एक अदालत ने प्रधानमंत्री शेख हसीना पर 21 साल पहले हमले के एक मामले में मंगलवार को 14 इस्लामी आतंकवादियों को मृत्युदंड की सजा सुनायी। सभी दोषी प्रतिबंधित हरकत-उल-जिहाद बांग्लादेश (हूजी-बी) के सदस्य हैं। बता दें कि हूजी-बी के आतंकियों ने 21 जुलाई, 2000 को दक्षिण-पश्चिम गोपालगंज के कोटलीपाड़ा स्थित एक मैदान के समीप 76 किलोग्राम का बम लगाया था। यहां शेख हसीना एक चुनाव रैली को संबोधित करने वाली थीं। गनीमत यह रही कि प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरने से पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने इसका पता लगा लिया।
ढाका के त्वरित सुनवाई न्यायाधिकरण प्रथम के जज अबू जफर मोहम्मद कमरूज्जमां ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। फैसले के दौरान चौदह में से नौ दोषी अदालत में मौजूद थे। बाकी पांच दोषी फरार हैं और उनकी गैरहाजिरी में उन पर सुनवाई चली तथा सरकार द्वारा नियुक्त वकीलों ने कानून के मुताबिक उनका बचाव किया।
बता दें कि साल 2000 में बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिम स्थित गोपालगंज में हसीना के पुश्तैनी गांव के एक खुले मैदान में अति-शक्तिशाली विस्फोटक डिवाइस का इस्तेमाल कर इनके हत्या की साजिश रची गई थी। पीएम शेख हसीना वहां एक जनसभा को संबोधित करने वाली थीं। हालांकि, सुरक्षा अधिकारियों ने जनसभा होने से पहले ही बम का पता लगा लिया था और पीएम की जनसभा में एक बड़ा दर्दनाक हादसा होने से बचा लिया था।
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