हाल ही में बांग्लादेश के 66 वर्षीय हिंदू चीफ जस्टिस सुरेंद्र कुमार सिन्हा को देश में 16वें संशोधन से पैदा हुए विवाद के चलते छुट्टी पर भेज दिया गया है। आपको बता दें कि जून में सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व में सात सदस्यों की बैंच ने 16वें संशोधन पर हाई कोर्ट के फैसले को मानने से इंकार कर दिया था जिसके अनुसार संसद किसी भी न्यायधीश को दोषी ठहरा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से शेख हसीना की सरकार और चीफ जस्टिस सुरेंद्र कुमार सिन्हा के बीच विवाद काफी बढ़ गया। (भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन करने पर राजपक्षे का बेटा गिरफ्तार)
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर बताया कि सुरेंद्र कुमार सिन्हा अपनी बेटी से मिलने और अपना इलाज करवाने के लिए ऑस्ट्रेलिया गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि चिट्ठी में लिखा गया है कि चीफ जस्टिस सुरेंद्र कुमार सिन्हा 13 अक्टूबर से 10 नवंबर तक छुट्टी पर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस चिट्ठी को राष्ट्रपति तक पहुंचाने के लिए कानून मंत्रालय के पास भेज दिया गया है।
एक सवाल के जवाब में अधिकारी ने कहा कि कुछ नियमों के अनुसार राष्ट्रपति को चीफ जस्टिस की छुट्टी के बारे में बताना ज़रूरी होता है ताकि उनकी गैर हाजिरी में राष्ट्रपति किसी और चीफ जस्टिस को उनके काम दे सकें। उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस चाहे तो अपनी छुट्टियां आगे भी बढ़ा सकते हैं।