कॉक्स बाजार: बांग्लादेश ने पश्चिमी म्यांमार में हिंसा के कारण रोहिंग्या मुस्लिमों के भाग कर यहां आने के बीच अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन का विरोध दर्ज कराने के लिए म्यांमार के दूत को समन किया है। म्यांमार के राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि किसी भी तरह के अतिक्रमण का कोई सबूत नहीं है और बांग्लादेश को सार्वजनिक बयान जारी करने के बजाय अपनी चिंताओं पर चर्चा करने के लिए संपर्क करना चाहिए।
म्यांमार में हिंसा के कारण लगभग 4,00,000 रोहिंग्या मुस्लिम पलायन कर गए हैं और अब वे खराब स्थितियों में बांग्लादेश में शिविरों में रह रहे हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि म्यांमार के ड्रोन और हेलीकॉप्टर रविवार, मंगलवार और बृहस्पतिवार को बांग्लादेश के हवाई क्षेत्र में उड़े थे। मंत्रालय ने कहा कि उसने बीती शाम को म्यांमार के दूत को विरोध पत्र सौंपा हैं। बांग्लादेश ने चेतावनी दी कि उकसावे की कार्रवाई के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
म्यांमार में हिंसा का हालिया दौर तब शुरू हुआ जब 25 अगस्त को रोहिंग्या उग्रवादियों ने राखिन में स्थित पुलिस चौकियों पर हमला कर दिया और 12 सुरक्षाकर्मियों को मार दिया। उसके बाद म्यांमार से लाखों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमानों ने भागकर बांग्लादेश में शरण ली। रोहिंग्याओं का आरोप है कि म्यांमार की सेना बेहद क्रूर अभियान चला रही है और गांव के गांव जला रही है। बौद्ध बहुल देश म्यांमार रोहिंग्या मुसलमानों को अपना नागरिक नहीं मानता है, और उन्हें अवैध प्रवासी कहकर संबोधित करता है।