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बलूचिस्तान के नेताओं ने PM मोदी से की अपील, संयुक्त राष्ट्र में उठाएं हमारा मुद्दा

बलूच नेता नवाब ब्रहमदाग ने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर और अफगानिस्तान पर कब्जा करने का सपना देखना बंद कर देना चाहिए।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 19, 2019 18:53 IST
Baloch activists urge PM Narendra Modi to raise rights abuse at United Nations | Facebook- India TV Hindi
Baloch activists urge PM Narendra Modi to raise rights abuse at United Nations | Facebook

इस्लामाबाद: बलूच नेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता अशरफ बलूच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उनसे आग्रह किया कि वह सभी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाएं। अशरफ बलूच ने ट्विटर पर मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जन्मदिन की शुभकामनाएं। कृपया बलूचिस्तान के शोषित लोगों को मत भूलिएगा। मूक लोगों की आवाज बनें, संयुक्त राष्ट्र समेत सभी मंचों पर बलूचिस्तान का मुद्दा उठाएं। बलूच भी इंसान हैं और उन्हें भी अपनी जमीन पर आजाद रहने का अधिकार है।’ ट्वीट में उन्होंने एक छोटा वीडियो भी पोस्ट किया है, जिसमें दो छोटे बच्चे झंडा पकड़े हुए हैं तथा बैक ग्राउंड में गाना चल रहा है, ‘जीतेगा सारा इंडिया।’

’70 सालों से पाकिस्तानी सेना कर रही है उत्पीड़न’

एक अन्य बलूच नेता नवाब ब्रहमदाग ने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर और अफगानिस्तान पर कब्जा करने का सपना देखना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान को कश्मीर और अफगानिस्तान पर कब्जा करने का सपना देखना बंद कर देना चाहिए। इसके बजाय इस्लामाबाद को अपनी जमीन पर बलूचिस्तान, सिंध और पश्तूनिस्तान पर फोकस करना चाहिए, जहां पर पाकिस्तानी सेना 70 सालों से उत्पीड़न कर रही है।’ बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ हाल ही में एक बड़ी रैली आयोजित की गई थी। जिसमें पाकिस्तानी सेना के खिलाफ नारेबाजी की गई थी। बलूच नेता द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए वीडियो में रैली में बलूच लोग पाकिस्तान सेना के खिलाफ नारे लगा रहे थे। इसके अलावा ये लोग दीवार पर 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' लिखते दिख रहे हैं।

करीमा बलूच ने खोली थी पाकिस्तान की पोल
इससे पहले जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 42वें सत्र के दौरान भी बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के तीव्र उल्लंघन को उजागर करने वाले बैनर कार्यक्रम स्थल के सामने दिखाई दिए थे। पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे बलूचिस्तान के लोगों ने इससे पहले भी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सामने क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के 'अत्याचारों' को उजागर करते हुए अपनी बात रखी थी। वरिष्ठ बलूच कार्यकर्ता करीमा बलूच ने मार्च महीने में ही इस मंच से इस बात को उजागर किया था कि पाकिस्तान की सेना कई दशकों से बलूच प्रांत में स्थानीय लोगों का कत्लेआम करती आ रही है। उन्होंने कहा था, ‘बलूच लोगों के मानवाधिकारों के हो रहे उल्लंघन को रोका जाना चाहिए और अपराधियों को न्याय का सामना करवाना चाहिए।’

करीमा ने कहा, तुरंत हस्तक्षेप करे दुनिया
करीमा ने कहा कि दुनिया को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और एक अंतर्राष्ट्रीय जांच इस बाबत शुरू करानी चाहिए। पाकिस्तान द्वारा उन पर हो रहे अत्याचारों के संदर्भ में सिर्फ जिनेवा में ही नहीं दुनिया के दूसरे स्थानों पर भी बलूच लोगों ने अपनी बातें रखी हैं। इनमें ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं। बलूच कार्यकर्ता अशरफ बलूच ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें एक युवा लड़की को देखा जा सकता है। वह पाकिस्तानी सेना द्वारा उसके परिजनों को गायब किए जाने की बात कह रही है। (IANS)

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