टोक्यो। म्यामांर की नेता आंग सान सू ची ने टोक्यो में होने वाले क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन से पहले देश में विदेशी निवेश का आग्रह करते हुए रोहिंग्या संकट से निबटने के प्रयासों में ज्यादा पारदर्शिता बरतने का वादा किया। सू ची को एक समय विश्व भर में मानवाधिकार की मुखर आवाज के रूप में पहचाना जाता था। लेकिन अपने ही देश में रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के खिलाफ सेना की हिंसा पर चुप्पी के बाद वह लोगों की निगाह से गिरी हैं।
जापानी कारोबारियों के समक्ष दिए गए भाषण में सू ची ने कहा वह ये यह मानने के लिए तैयार हैं कि उनके सामने चुनौतियां हैं। खासतौर पर रखाइन के संबंध में और शांति के मोर्चे पे संघर्षों को लेकर चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि वे इसे अपने दोस्तों से नहीं छुपा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम है कि विदेशी निवेश के लिए उनके देश में शांति और स्थिरता अनिवार्य है।