यंगून: म्यांमार के राखिन प्रांत में सुदूरवर्ती सीमा चौकियों पर कथित रोहिंग्या उग्रवादियों के हमले में म्यांमार सुरक्षा बलों के 11 कर्मियों समेत कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई। सेना के कमांडर इन चीफ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कमांडर इन चीफ मिन आंग हलांग ने फेसबुक पर कहा, ‘एक सैनिक और 10 पुलिसकर्मियों ने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।’ उन्होंने बताया कि लड़ाई अब भी जारी है जिसमें 21 उग्रवादी भी मारे गये हैं।
वहीं, स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि शुक्रवार तड़के करीब 150 उग्रवादियों ने 20 से अधिक पुलिस चौकियों पर हमला किया। सैनिकों ने भी जवाबी कार्रवाई की। एक बॉर्डर गार्ड पुलिस ऑफिसर ने बताया कि तांग पासा गांव स्थित उसके आउटपोस्ट के 2 अफसर मारे गए हैं। उन्होंने कहा, '150 से ज्यादा मुसलमान हमलावरों ने हमारे आउटपोस्ट को घेर लिया और हमला कर दिया।' स्टेट काउंसलर के कार्यालय के मुताबिक, हमलावर अपने साथ पुलिस के हथियार लेकर फरार हो गए।
म्यांमार की सेना ने पिछले साल अक्टूबर में 9 बॉर्डर गार्ड्स के मारे जाने के बाद रोहिंग्या इलाकों में जवाबी कार्रवाई शुरू की थी। इसके बाद मानवाधिकार समूहों ने सेना पर रोहिंग्या मुसलमानों के 1,000 से ज्यादा घर जलाने और कइयों को मार डालने के साथ-साथ महिलाओं के साथ रेप करने का आरोप लगाया था। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, अक्टूबर 2016 से लेकर अब तक लगभग 80,000 रोहिंग्या मुसलमान पड़ोसी देश बांग्लादेश भाग चुके हैं।