नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान को पाकिस्तानी मीडिया प्रमुखता से दिखा रहा है जिसमें अरविंद केजरीवाल ने केंद्र के 3 किसान कानूनों को किसानों के लिए डेथ वारंट बताया था। पाकिस्तान के सरकारी रेडियो चैनल रेडियो पाकिस्तान की वेबसाइट ने अरविंद केजरीवाल के इस बयान को प्रमुखता से छापा है। अरविंद केजरीवाल ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ में किसान कानूनों को लेकर यह बयान दिया था। रेडियो पाकिस्तान ने केजरीवाल के उस बयान को भी प्रमुखता दी है जिसमें अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के लालकिले में हुई हिंसा का किसानों से कोई लेना देना नहीं है।
अरविंद केजरीवाल ने रविवार को मेरठ में एक किसान महापंचायत में भाग लिया था और किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए उन्होंने किसान कानूनों को किसानों का डेथ वारंट तक कह दिया था। अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा था कि 26 जनवरी को हुई हिंसा का षडयंत्र 'उन्हीं' ने रचा था। हालांकि उन्होंने इस दौरान किसी का नाम नहीं लिया था। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि जिन्होंने लालकिले पर झंडा फहराया वे उन्हीं के कार्यकर्ता थे।
बता दें कि, अरविंद केजरीवाल के लिए किसान महापंचायत का आयोजन मेरठ बाइपास पर संस्कृति रिजॉर्ट में किया गया। केजरीवाल का किसानों की महापंचायत में शामिल होना यूपी के 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी माना जा रहा है। आम आदमी पार्टी पहली बार यूपी के विधानसभा चुनाव में भी उतरने जा रही है। हालांकि इस महापंचायत के दौरान उन्होंने जो बयान दिया वह अब पाकिस्तानी मीडिया की सुर्खियां बन चुका है
किसानों की महापंचायत में शामिल होने के लिए सीएम केजरीवाल ने खुद किसानों के साथ मीटिंग की इस दौरान कृषि कानूनों को लेकर चर्चा की गई। सीएम केजरीवाल की ये बैठक 21 फरवरी को हुई थी। किसान आंदोलन के समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत देशभर में महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं।