तेहरान: ईरान का कहना है कि वह जम्मू एवं कश्मीर को लेकर भारत सरकार के फैसले पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। इसके साथ ही ईरान ने उम्मीद जताई है कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद 'क्षेत्रीय लोगों के हितों की रक्षा' के लिए शांतिपूर्ण तरीका अपनाएंगे और आपस में बातचीत करेंगे। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैय्यद अब्बास मौसवी ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘ईरान, जम्मू एवं कश्मीर को लेकर भारत सरकार के फैसले और क्षेत्र में चल रहे घटनाक्रम पर भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारियों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है।’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा, ‘ईरान को उम्मीद है कि उसके क्षेत्रीय मित्र और साथी, भारत और पाकिस्तान, क्षेत्रीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण तरीका अपनाएंगे और प्रभावी कदम उठाने के लिए बातचीत करेंगे।’ ईरान की यह प्रतिक्रिया भारत द्वारा जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने और लद्दाख को एक अलग भाग में बांटने के बाद आया है। पाकिस्तान ने भारत के इस फैसले का विरोध करते हुए इस्लामाबाद में भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया है और दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को भी निलंबित कर दिया है।
आपको बता दें कि भारत के इस फैसले का संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव और श्रीलंका जैसे देशों ने समर्थन किया है। इन देशों ने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर के बारे में भारत ने जो भी फैसला किया है, वह उसका आंतरिक मामला है। वहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दुनिया के देशों का समर्थन हासिल करने के लिए जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं, हालांकि इसमें उन्हें कुछ विशेष सफलता नहीं मिल पाई है।