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कैलाश मानसरोवर: मदद का इंतजार कर रहे हैं नेपाल में फंसे 1,000 से ज्यादा भारतीय श्रद्धालु

तिब्बत में कैलाश मानसरोवर से लौट रहे भारतीय तीर्थयात्रियों की दिक्कतें अभी खत्म नहीं हुई है। खराब मौसम के बीच नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र में फंसे कम से कम 1,000 श्रद्धालुओं का वहां से निकलने का इंतजार जारी है...

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : July 05, 2018 19:57 IST
Around 1000 Indians stranded at Kailash Mansarovar await evacuation | PTI
Around 1000 Indians stranded at Kailash Mansarovar await evacuation | PTI

काठमांडू: तिब्बत में कैलाश मानसरोवर से लौट रहे भारतीय तीर्थयात्रियों की दिक्कतें अभी खत्म नहीं हुई है। खराब मौसम के बीच नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र में फंसे कम से कम 1,000 श्रद्धालुओं का वहां से निकलने का इंतजार जारी है। नेपाल में भारतीय दूतावास ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा से लौटते समय भारी बारिश के कारण फंसे लोगों को निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं। हिल्सा से बुधवार को 250 भारतीय तीर्थयात्रियों को निकाला गया। नेपाल में भारतीय दूतावास ने एक ट्वीट कर कहा, ‘5 जुलाई की सुबह तक 10 वाणिज्यिक विमान 143 तीर्थयात्रियों को सिमीकोट से नेपालगंज लेकर गए।’

दूतावास ने ट्वीट में कहा, ‘भारतीय दूतावास की आधिकारिक गणना के मुताबिक, सिमीकोट में 643 और हिल्सा में 350 लोग फंसे हुए हैं। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इसका उल्लेख किया जाता है कि संसाधनों के अभाव वाले हिल्सा में फंसे तीर्थयात्रियों की संख्या में काफी कमी आई है।’ जिला पुलिस अधिकारी के अनुसार, सिमीकोट में सैकड़ों लोग अब भी विमानों का इंतजार कर रहे हैं। ‘द काठमांडू पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, खराब मौसम के कारण सोमवार तक जिले में विमानों का आवागमन बाधित हो गया था।

खबर में कहा गया है कि वहां विमानों का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अत्यधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन का कम दबाव होना बड़ी चिंता है। इस साल ऑक्सीजन की कमी के कारण पहले ही 8 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। नेपाल में भारतीय दूतावास ने भावी श्रद्धालुओं के लिए गुरुवार को एक संशोधित परामर्श जारी किया। इसमें कहा गया, ‘नेपाल में सिमीकोट और हिल्सा में बुनियादी ढांचे की बहुत कमी है। वहां चिकित्सा, आरामदायक बोर्डिंग और अस्थायी आवास की मूल सुविधाओं की कमी है। भावी श्रद्धालु यात्रा शुरू करने से पहले अपनी चिकित्सा जांच करा लें और साथ ही एक महीने के लिए पर्याप्त दवाइयां साथ में रखें।’

निकासी प्रक्रिया को तेज करने के प्रयास में भारतीय दूतावास मौसम की स्थिति के मद्देनजर हेलीकॉप्टरों को किराए पर लेने और वाहकों के इस मार्ग पर उड़ान की इच्छा की संभावनाओं को देख रहा है। कैलाश मानसरोवर समुद्र तल से 5,950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। करीब 52 किमी के मानसरोवर सर्किट को पूरा करने में तीन दिन लगते हैं। ज्यादातर ऊंचाई से जुड़ी मौतें इसी सर्किट में होती है। उन्होंने कहा कि इस साल 25,000 भारतीय तीर्थयात्रियों के कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने की उम्मीद है।

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