यरुशलम: इजराइल और चरमपंथी संगठन हमास के बीच चल रहे मौजूदा युद्ध में दोनों ही पक्ष संभावित युद्ध अपराध के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इजराइल का कहना है कि हमास फिलीस्तीन की जनता का इस्तेमाल मानव ढाल की तरह करता है, जबकि आलोचकों का कहना है कि इजराइल अत्याधिक बल का इस्तेमाल कर रहा है। अब कौन सही है और कौन गलत, यह बता पाना तो खास तौर पर युद्ध के बादल के बीच बेहद मुश्किल ही है। हमास ने इजराइल के ऊपर सैकड़ों रॉकेट दागे हैं और अन्य फिलीस्तीनी समूहों ने भी ऐसा किया है, जो यह दिखाता है कि दोनों तरफ से हवाई हमले हो रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय कानून असैन्य नागरिकों या नागरिक इलाकों में अविवेकपूर्ण बल के इस्तेमाल पर रोक लगाता है और इस तरह तेल अवीव अपार्टमेंट ब्लॉक में रॉकेट दागना सीधे तौर पर इस नियम का उल्लंघन है। लेकिन गाजा, जहां करीब 20 लाख लोग एक छोटे से संकरे तटीय क्षेत्र में रहते हैं, वहां स्थिति और भी गंभीर है। संकरी जगह और लगातार बमबारी की वजह से गाजा के लोगों के पास भाग कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए बेहद कम ही जगहें बचती हैं। गाजा में 2007 में हमास के सत्ता संचालन में आ जाने के बाद इजराइल और मिस्र ने यहां अवरोधक लगा दिए, जिससे इस जगह को एक तरह से छोड़ कर जाना असंभव-सा है।
एक जमीनी आंदोलन के रूप में हमास फिलीस्तीनी समाज में गहरे रच बस गया है और इसका राजनीतिक अभियान और परोपकारी अभियान इसको गुप्त सशस्त्र शाखा से अलग करता है। इजराइल और पश्चिमी देश हमास को आंतकवादी संगठन के रूप में देखते हैं लेकिन यह गाजा में एक तरह से सरकार चलाता है और लाखों लोग नौकरशाह और पुलिस के रूप में इसके साथ काम करते हैं, इसलिए हमास से जुड़े रहने का मतलब यह नहीं है कि वह लड़ाका है। हालांकि गाजा में ही ऐसे समूह भी हैं जो हमास का विरोध करते हैं।
इस साल की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने इजराइल और फिलीस्तीन द्वारा इनके बीच इससे पहले हुए अंतिम युद्ध 2014 में संभावित युद्ध अपराधों की जांच शुरू की थी। ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों ही पक्ष लगभग एक ही तरह की रणनीति को अपनाते हैं। जिनेवा अकेडमी ऑफ इंटरनेशनल ह्यूमेनिटेरियन लॉ एंड ह्यूमन राइट्स के प्रोफेसर मार्को ससोली कहते हैं कि उदाहरण के रूप में समझें तो अगर फ्रांस स्विट्जरलैंड पर हमला करता हो तो स्विस लोगों को जिनेवा की रक्षा करने पर प्रतिबंध नहीं है, इसमें स्विस सैनिकों को शामिल करना, तोपखानों के स्थानों को जिनेवा के भीतर भी तैनात करना शामिल है। अंतरराष्ट्रीय कानून संघर्ष के समय हर पक्ष पर लागू होता है।
फ्रांस जिनेवा में लड़ सकता है लेकिन यहां समान अनुपात का मुद्दा बड़े स्तर पर आता है और इस दृश्य के साथ आगे देखें तो क्या जिनेवा पर फ्रांस द्वारा हमला करना उकसावे के दायरे में आता है? इजराइल के आलोचक उस पर असंगत बल प्रयोग का आरोप लगाते हैं। आलोचक कहते हैं कि एक तरह से अघोषित परमाणु शक्ति, क्षेत्र में सबसे मजबूत सेना के साथ वह एक चरमपंथी समूह के खिलाफ युद्ध कर रहा है जिसके पास लंबी दूरी के रॉकेट नहीं हैं और जिसके रॉकेट को इजराइल के मिसाइल रोधी रक्षा उपकरण रास्ते में ही मार गिराते हैं।
मौजूदा संघर्ष में गाजा में 200 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से आधी महिलाएं और बच्चे हैं जबकि इजराइल में 10 लोगों की मौत हुई है लेकिन उनमें से एक को छोड़ कर सभी असैन्य हैं।