इस्लामाबाद: चीन ने शिनजियांग प्रांत के अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिम समुदाय की 50 महिलाओं को हाल ही में कथित तौर पर आतंकवादी बताकर कैद कर लिया है। इस घटना की खबर मिलने के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। इस इलाके के लोगों ने चीन से महिलाओं को तुरंत रिहा कराने की मांग की है। सिर्फ यही नहीं, इलाके के लोगों ने साथ ही पाकिस्तान सरकार से कहा है कि ड्रैगन के खिलाफ एक साल का व्यापार प्रतिबंध भी लगाया जाए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन महिलाओं ने गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों से शादी की थी।
आपको बता दें कि गिलगित-बाल्टिस्तान और चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले लोग एक-दूसरे से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तौर पर जुड़े हुए हैं। इन लोगों के पारिवारिक रिश्ते भी हैं और वे एक-दूसरे के यहां शादियां भी करते हैं। चीन ने उइगर महिलाओं को आतंकवाद की गतिविधियों में शामिल होने के शक में गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि इन महिलाओं ने गिलगित-बाल्टिस्तान के युवकों से शादी की थी, जिसके बाद चीन ने उन्हें गिरफ्तार कर ‘वोकेशनल सेंटर’ में भेज दिया है। गौरतलब है कि चीन पर अक्सर ही उइगर समुदाय को प्रताड़ित करने का आरोप लगता है। चीन में लगभग उइगर मुस्लिमों की संख्या एक करोड़ से ऊपर है।
चीन द्वारा की गई महिलाओं की गिरफ्तारी से इसीलिए गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों में गुस्सा है। इन लोगों का कहना है कि चीन ने महिलाओं को आतंकवाद के झूठे आरोपों में फंसाया है। उइगर लोगों पर चीन का कहर इसलिए टूटता रहता है क्योंकि उसे शक है कि उइगर मुस्लिम एक ऐसा मूवमेंट चलाते हैं, जिसका लक्ष्य चीन से अलग होना है। आपको बता दें कि उइगरों का निवास स्थान शिनजियांग पहले चीन का हिस्सा नहीं था, और इसे पूर्वी तुर्कीस्तान के नाम से जाना जाता था। बाद में चलकर यह चीन का हिस्सा हो गया, जिसके बाद यहां के लोगों ने आजादी के लिए काफी संघर्ष किया, पर उसे हासिल नहीं कर पाए।