वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सराहना की और इसे प्योंगयांग के खिलाफ अकेला सबसे बड़ा आर्थिक प्रतिबंध पैकेज करार दिया जिससे उत्तर कोरिया को करीब एक अरब डालर का नुकसान होगा। प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने के लिए ट्रंप ने रूस और चीन की सराहना भी की। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से उस अमेरिकी मसौदा प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिससे उत्तर कोरिया के निर्यात पर कठोर प्रतिबंध लगता है। इस प्रतिबंध की वजह से उत्तर कोरिया को सालाना राजस्व में करीब एक अरब डालर का नुकसान उठाना होगा। (डोकलाम विवाद: भारत के खिलाफ चीन की नई चाल, बढ़ सकती हैं मुश्किलें)
इस प्रतिबंध का उद्देश्य प्योंगयांग पर उसके परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर बातचीत के लिए आर्थिक दबाव बढ़ाना है। प्रस्ताव के बारे में उत्तर कोरिया के पड़ोसी और सहयोगी चीन से बातचीत की गई थी। व्हाइट हाउस ने कहा बैलिस्टिक मिसाइल के हालिया परीक्षणों के जवाब में उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध बढ़ाने वाले एक नए प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए ट्रंप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सराहना करते हैं।
ट्रम्प ने कहा कि चीन और रूस ने उस प्रस्ताव को पारित करने के लिए अमेरिका के साथ मतदान किया जो उत्तर कोरिया के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक प्रतिबंध पैकेज है। व्हाइट हाउस ने यह भी कहा कि प्रस्ताव को पारित कराने में सहयोग के लिए राष्ट्रपति ने चीन तथा रूस की भी तारीफ की है। बयान में कहा गया है वह ट्रम्प उत्तर कोरिया के खतरनाक और अस्थिर करने वाले आचरण पर अंकुश लगाने के लिए उस पर कूटनीतिक एवं आर्थिक दबाव बढ़ाने की खातिर सहयोगियों तथा भागीदारों के साथ लगातार काम करते रहेंगे।