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BLOG: चीनियों के लिए था पहले खास, अब हो गया आम

जहां 30 साल पहले चीनी लोगों के लिए पश्चिमी खाने का स्वाद लेना एक सपने जैसा हुआ करता था, वहीं अब चीन में खाना परोसने वाले कई पश्चिमी रेस्त्रां मौजूद हैं

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : December 19, 2018 18:58 IST
CHINA KFC PHOTO
CHINA KFC PHOTO

अगर किसी देश के सतत विकास की बात की जाए, तो सबसे पहले नाम चीन का ही आता है। पिछले 40 सालों में चीन ने तेज रफ्तार से विकास किया है, जिसे चीनी लोगों के अलावा, चीन में रह रहे विदेशी लोग भी मानते हैं। सुधार और खुलेपन के 40 सालों में चीनी लोगों के जन-जीवन में लगातार सुधार हो रहा है और देश का आर्थिक ढांचा लगातार उन्नत हो रहा है।

अभी कुछ दिनों पहले मैं अपने एक चीनी दोस्त श्याओ वांग से मिला। वो चीन की एक आईटी कंपनी में काम करता है। हमने पेइचिंग के छियानमन क्षेत्र में मिलने की योजना बनाई। छियानमन पेइचिंग शहर के केंद्र में स्थित है, और काफी सुंदर है, जिसे पेरिस का चैम्प-एलीसिस भी कहा जाता है। थियनआनमन चौक के दक्षिण में छियानमन में सांस्कृतिक गलियां और दुकानें देखने को मिल जाएंगी। मस्ती-मजा या घूमने के लिहाज से छियानमन काफी अच्छी जगह है। 

जब हम मिले तो श्याओ वांग ने फॉस्ट फूड खाने का सुझाव दिया। शुरू में मुझे थोड़ा अचंभा हुआ कि हम इतनी बढ़िया जगह आए हैं, यहां का सारा माहौल सांस्कृतिक जैसा है, हॉटपोट या कोई अन्य पारंपरिक चीनी खाना खाने के बजाय पाश्चात्य खाना खाने की क्या तुक। खैर, मैंने हामी भरी और खाना खाने के लिए केएफसी चल दिये। मुझे लगा कि वह अपना खर्चा बचाना चाह रहा है, इसलिए वहां जाने को कह रहा है।

श्याओ वांग और मैं करीब एक साल बाद मिल रहे थे, इसलिए दिसंबर की कंपकपाती ठंड में भी पूरे रास्ते भर हम बातें करते चलें। श्याओ वांग ने मुझे बताया कि हालांकि अमेरिका का यह सुप्रसिद्ध फॉस्ट फूड स्टोर चीन के हर शहर, हर जिले में है, लेकिन इस बार मुझे यहां लाने का एक खास मकसद है। वह अपनी पुरानी यादें तरोताजा करना चाह रहा है, जब वह 30 साल पहले अपने पापा के साथ पहली बार यहां आया था। 

छियानमन का यह अमेरिकी फॉस्ट फूड स्टोर शहर के अन्य फॉस्ट फूड स्टोर जैसा ही था। फर्क बस इतना था कि प्रवेश द्वार पर एक बड़ा-सा लकड़ी का बोर्ड था, जिसपर 12 नवम्बर 1987 लिखा था। इसके अलावा एक तरफ अंग्रेजी और चीनी दोनों भाषाओं में लिखा था- “चीन का पहला स्टोर”, तो दूसरी तरफ अंतर्राष्ट्रीय चेन के फाउंडर कर्नल हारलैंड सैंडर्स की तस्वीर लगी थी। इसे पढ़कर मुझे समझ आया कि वाकई श्याओ वांग मुझे एक खास जगह लेकर आया है। हम अंदर गये तो देखा सबकुछ वैसा ही था, जैसा आमतौर पर केएफसी स्टोर में होता है। उसी तरह की मेज-कुर्सियां, लोगों से भरा शोर-शराबे वाला माहौल आदि।

हम अपनी खाने-पीने की चीज़ों को लेकर कोने में एक शांत-सी जगह पर बैठ गये। बातचीत करते-करते श्याओ वांग ने बताया कि 30 साल पहले जब वह मात्र 6-7 साल का था, वह अपने पापा के साथ इस फॉस्ट फूड चेन स्टोर में आया था तब सबकुछ काफी अलग था। उस समय छियानमन की पहचान इस अमेरिकी फॉस्ट फूड स्टोर से ही होती थी। चीन में पहला पश्चिमी फास्ट फूड का स्टोर खुलना अपने आप में एक बड़ी बात थी। यह बात अखबार की सुर्खियों में भी थी। इसका उद्घाटन करने अमेरिका के राजदूत और पेइचिंग के कई बड़े अधिकारी आए थे।

श्याओ वांग ने आगे बताया कि इतनी वाहवाही सुनकर उसने भी अपने पापा से यहां अमेरिकी फॉस्ट फूड खाने की जिद की। हालांकि 30 साल पहले उसके पापा की कमाई बहुत कम थी, पर फिर भी उसकी खुशी के लिए वो मान गये। आज के दौर में सस्ते मिलने वाला यह फॉस्ट फूड उस जमाने में आम आदमी की पहुंच से बाहर था। फ्राइड चिकन का एक टुकड़ा 2.5 युआन का था, जिसे एक महीने में 100 युआन कमाने वाले सरकारी कर्मचारी के लिए खरीदना आसान नहीं था। लेकिन हर कोई पश्चिमी खाने का स्वाद चखना चाहता था, इसलिए किसी तरह अपने बजट में कटौती कर, हर कोई अमेरिकन-स्टाइल चिकन खाने जा पहुंचता था। 

मेरे दोस्त वांग का कहना है, “जिस दिन मेरे पापा भी मुझे यहां लेकर आए, मैं बहुत खुश हुआ और उसी खुशी नें मैंने 2-3 चीजें भी ऑर्डर कर दी। क्योंकि हमारे पास भी पैसों की कमी थी, इसलिए पापा ने कहा कि वे दफ्तर में ही खाना खाकर आए हैं। पर मैं नादान यह समझ नहीं पाया कि हर माता-पिता अपना पेट भरने से पहले अपने बच्चों का पेट भरते हैं। मुझे यहां यह पाश्चात्य फॉस्ट फूड खाकर खुश होता देख मेरे पापा खुशी से फूले नहीं समा रहे थे।”

श्याओ वांग की बातों से यह मालूम हुआ कि उस समय पाश्चात्य फॉस्ट फूड खाना महंगा और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता था। यहां तक कि उस फॉस्ट फूड स्टोर में शादियां भी होती थीं। चीनी लोग पश्चिमी खाने का लुत्फ उठाने के लिए बेकरार होते थे। उस समय लोगों के पास पैसों की तंगी रहती थी।

मैं और श्याओ वांग बातचीत में इतना व्यस्त हो गये कि हमने घड़ी की ओर ध्यान ही नहीं दिया। रात के 11 बज चुके थे, मैंने आसपास नजर दौड़ाई तो उस जगह इक्का-दुक्का ही लोग बैठे थे। फिर मेरी नजर दीवार पर लगे पोस्टर पर गई, जिस पर लिखा था कि साल 2010 तक चीन में केएफसी के 3000 से ज्यादा स्टोर खोले जा चुके हैं, और अब यह संख्या 5,300 से ऊपर पहुंच चुकी है।

फिर मैंने और श्याओ वांग ने घर की ओर रूख किया, और रास्ते भर मैं श्याओ वांग की बातें सोचता रहा। जहां 30 साल पहले चीन में अमेरिकी फॉस्ट फूड खाने को प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता था, वहीं अब यह फॉस्ट फूड चेन अच्छा और सस्ता खाना परोसने वाला ब्रांड बन गया है। जहां 30 साल पहले चीनी लोगों के लिए पश्चिमी खाने का स्वाद लेना एक सपने जैसा हुआ करता था, वहीं अब चीन में खाना परोसने वाले कई पश्चिमी रेस्त्रां मौजूद हैं, और चीनी लोगों से भरे रहते हैं।

मेरे विचार में चीन पूरी तरह से एक अंतर्राष्ट्रीय देश के रूप में खुद को तैयार कर चुका है, जहां पश्चिमी देशों की संस्कृति से जुड़ा खान-पान ही नहीं, बल्कि सभी तरह के साजो-सामान उपलब्ध हैं, जो हर चीनी नागरिकों की पहुंच में हैं। 80 के दशक की शुरूआत में आर्थिक सुधार को लागू किये जाने के बाद चीन ने अपने नागरिकों के जनजीवन को बेहतर बनाने में काफी हद तक सफलता पाई है। चीनी लोग अभाव और दरिद्रता के जीवन से उभर चुके हैं और अब प्रचुर मात्रा में आपूर्ति और समृद्ध जीवन का आनंद ले रहे हैं।

(लेखक अखिल पाराशर चाइना रेडियो इंटरनेशनल (सीआरआई), बीजिंग में पत्रकार हैं)

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