सियोल: अमेरिका और दक्षिण कोरिया की वायुसेनाओं ने सोमवार को सैन्याभ्यास शुरू किया, जिसे उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षण के बाद दोनों देशों के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी एफे को बताया कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया के वायु सैन्याभ्यास 'विजिलेंट एस' के जरिए दोनों देशों की सैन्य क्षमता में सुधार होगा, जिससे वे किसी भी मौसम, दिन या रात के समय सैन्य संचालन कर सकती है।
हालांकि, मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि यह अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच सबसे बड़ा वायु सैन्याभ्यास था, लेकिन स्थानीय मीडिया ने इसे अब तक का सबसे बड़ा वायु सैन्याभ्यास बताया है जिसमें 230 से ज्यादा लड़ाकू विमानों और करीब 12,000 सैनिकों ने हिस्सा लिया।
अमेरिका ने सैन्याभ्यास में एफ-22 और एफ-35 सहित दो दर्जन से ज्यादा स्टेल्थ लड़ाकू विमान और दो रणनीतिक बी-1बी बमवर्षक तैनात किए हैं। यह सैन्याभ्यास शनिवार को समाप्त हो जाएगा। यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच अक्टूबर में हुए समझौते का हिस्सा है। इसका मकसद उत्तर कोरिया पर परमाणु कार्यक्रम छोड़ने का दबाव बनाना है। उत्तर कोरिया ने 29 नवंबर को हवासोंग-15 रॉकेट लांच किया था, जो इसकी अब तक की सर्वाधिक उन्नत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है।