इस्लामाबाद: नए साल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हमलावर रुख से परेशान पाकिस्तान ने अब अमेरिका को जवाब देने की बात कही है। आतंकी समूहों के समर्थन के लिए ट्रंप प्रशासन द्वारा इस्लामाबाद के खिलाफ और कठोर कदम उठाए जाने की घोषणा की संभावना के बीच पाकिस्तान सेना ने कहा है कि उनका देश लोगों की आकांक्षा के मुताबिक अमेरिका के किसी भी कदम का जवाब देने के लिए तैयार है। डॉनल्ड ट्रंप की लताड़ के बाद पाकिस्तान को मिलने वाली सैन्य मदद भी रोक दी गई, जिसके बाद दोनों देशों के संबंधों में काफी तनाव पैदा हो गया है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नववर्ष पर ट्वीट के बाद अगले 24 से 48 घंटे में पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका के खास प्रावधान की घोषणा के बारे में व्हाइट हाउस के बयान की पृष्ठभूमि में सैन्य प्रवक्ता का यह बयान आया है। अमेरिकी सरकार ने बुधवार को घोषणा की थी कि वह पाकिस्तान को 25.5 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद पर रोक लगा रही है। ऐसी रिपोर्टों के सामने आने के बाद पाकिस्तान की फौज ने यह प्रतिक्रिया दी है। वहीं, ट्रंप के ट्वीट से पाकिस्तान सरकार हिल गई। एक के बाद कई मीटिंग बुलाई गई, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई पाकिस्तान की शर्मिंदगी का जवाब दिया जा सके। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में ट्रंप के बयान पर निराशा जाहिर की गई, साथ ही यह भी कहा गया कि देश जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएगा।
अंतर-सेवा जन संपर्क (ISPR) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने संक्षिप्त बयान में कहा, ‘पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई की स्थिति में, पाकिस्तान के लोगों की आकांक्षा के मुताबिक जवाब दिया जाएगा।’ वहीं, युद्ध की आशंका पर गफूर ने कहा, 'हम सहयोगी हैं और सहयोगियों के बीच जंग नहीं लड़ी जाती है। कई ऐसे अवसर आए हैं जब पाकिस्तान ने अमेरिका का साथ दिया है। एक समय पर पाकिस्तान के पास विकल्प था कि वह रूस का सहयोगी बन जाए लेकिन हमने अमेरिका से हाथ मिलाने को ज्यादा तवज्जो दी।' राष्ट्रपति ट्रंप ने एक जनवरी को ट्वीट किया था कि अमेरिका ने पिछले 15 सालों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर से ज्यादा की मदद दी और उसने बदले में झूठ और फरेब के सिवाय कुछ नहीं दिया।