काबुल (अफगानिस्तान): सरक्षाबलों ने अफगानिस्तान में बीते 24 घंटों में 25 आतंकवादियों को मार गिराया जबकि 23 घायल हो गए। अफगान रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मारे गए आतंकवादियों में से पांच इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े हुए थे और बाकी तालिबानी लड़ाके थे। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक आतंकियों से बड़ी संख्या में हथियार और गोला बारूद भी बरामद किये गए है।
जानें कौन है ISIS
आईएसआईएस का पूरा नाम इस्लामिक स्टेट इन इराक़ एंड अल शाम है। 2014 में इस चरमपंथी संगठन का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर तब आया जब इसने इराक़ और सीरिया के इलाकों का बड़ा हिस्सा अपने काबू में कर लिया। ये संगठन अपने बर्बर बर्ताव के लिए बदनाम है और जैसा कि इसके नाम से जा़हिर है इसका मकसद इराक़ और सीरिया में इस्लामिक राज्य स्थापित करना है।
जानें कौन है तालिबान
तालिबान पश्तो भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है ज्ञानार्थी (छात्र)। ऐसे छात्र, जो इस्लामिक कट्टरपंथ की विचारधारा पर यकीन करते हैं। तालिबान इस्लामिक कट्टपंथी राजनीतिक आंदोलन हैं। सितंबर 1995 में तालिबान ने ईरान सीमा से लगे हेरात प्रांत पर कब्जा किया। इसके बाद तालिबान ने अफगानिस्तान की बुरहानुद्दीन रब्बानी सरकार को सत्ता से हटाकर राजधानी काबुल पर कब्जा कर किया। 1998 तक 90 फीसद अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण हो गया था।
उसके बाद धीरे-धीरे तालिबान पर मानवाधिकार उल्लंघन और सांस्कृतिक दुर्व्यवहार के आरोप लगे। जैसे 2001 में अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बावजूद तालेबान ने विश्व प्रसिद्ध बामियान बुद्ध प्रतिमाओं को नष्ट किया। पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों जगह तालेबान ने या तो इस्लामिक कानून के तहत सजा लागू करवाई या खुद ही लागू की- जैसे हत्या के दोषियों को सार्वजनिक फाँसी, चोरी के दोषियों के हाथ-पैर काटना।